सुबह-शाम वॉक करने से हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे होते हैं, लेकिन क्या आपने कभी रिवर्स वॉकिंग यानी पीछे की तरफ चलने के फायदों के बारे में सुना है. ये सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगे, लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि बैकस्टेप वॉकिंग हमारे दिल, दिमाग और मेटाबॉलिज्म के लिए बेहद फायदेमंद होती है. सामान्य वॉकिंग के मुकाबले ये ज्यादा तेजी से कैलोरी घटाती है.
4X बेस्ट सेलिंग की लेखक और हेल्थ एक्सपर्ट लोरी शेमेक के मुताबिक, रिवर्स वॉकिंग के 100 स्टेप्स सामान्य वॉकिंग के 1,000 स्टेप्स के समान है. एक्सपर्ट का कहना है कि रेट्रो वॉकिंग में किसी इंसान का दिल ज्यादा तेजी से पम्प होता है और शरीर के तमाम अंगों, मांसपेशियों व दिमाग तक ज्यादा खून और ऑक्सीजन सर्कुलेट होता है. रेट्रो वॉक करने से हमारी काफ मसल (पिंडली), ग्लूट्स और क्वाड्रीसेप्स पर ज्यादा असर पड़ता है. साथ ही ये दिमाग को अलग तरह से ऑपरेट करने के लिए प्रेरित करती है.
स्ट्रोक और आर्थराइटिस में फायदेमंद
यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी गार्डनर न्यूरोसाइंस इंस्टिट्यूट के एक रिसर्चर का कहना है कि रिवर्स वॉकिंग का अभ्यास स्ट्रोक के मरीजों को फिर से चलना सिखा सकता है. ऐसा माना जाता है कि पीछे की ओर चलने से अंगों के संतुलन में सुधार होता है और निचले अंगों के प्रॉप्रायोसेप्शन और चाल में तालमेल बैठता है. कई स्टडीज में ऐसा भी दावा किया जा चुका है कि यह घुटनों में आर्थराइटिस के लक्षणों से राहत दिला सकती है. रेट्रो वॉकिंग को दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद बताया गया है.
मुंबई के सिम्बायसिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर कैथ लैब, डॉ. अंकुर फातरपेकर ने HT मीडिया को बताया, 'पीछे की तरफ चलने से हमारा दिल ज्यादा तेजी से धड़कता है. इससे आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और आप कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न कर पाते हैं. यह शरीर के बैलेंस के लिए भी शानदार एक्सरसाइज है.'
दूर रहेंगी दिल की बीमारियां
वॉकहार्ट हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ. सौरभ गोयल कहते हैं कि किसी भी तरह की वॉकिंग हमारे हृदय और फेफड़ों के बेहतर फंक्शन के लिए अच्छी है. आप जितना ज्यादा चलते हैं, दिल की बीमारियों का खतरा उतना कम होता है. यह ब्लड प्रेशर घटाकर हार्ट डिसीज का जोखिम कम करती है. गुड कोलेस्ट्रोल बढ़ाती है. इंसुलिन और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखकर डायबिटीज की संभावना को कम करती है.
डॉ. गोयल ने बताया कि रिवर्स वॉकिंग से हमारी ओवरऑल हेल्थ पर भी बहुत अच्छा असर होता है. इससे हमारी हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं. एनेर्जी लेवल बूस्ट होता है. डॉ. फातरपेकर के मुताबिक, इससे हमारी वॉक टेक्निक में सुधार होता है और शरीर का संतुलन बढ़िया रहता है. इससे आंखों की रोशनी और मानसिक स्पष्टता भी दुरुस्त रहती है.