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देर रात तक जगे रहने की आदत पड़ सकती है भारी, मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर

रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रात में लेट तक जगे रहते हैं, उनकी मेंटल हेल्थ पर तो बुरा असर पड़ता ही है, साथ ही उनकी ओवरऑल हेल्थ पर भी इसका खराब असर पड़ता है.

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हाल ही में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई एक नई स्टडी में सोने के एक सही समय के बारे में बताया गया है जिससे मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है. इस रिसर्च में लगभग 75 हजार लोगों के स्लीप पैटर्न को देखा गया. रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रात में लेट तक जगे रहते हैं उनकी मेंटल हेल्थ पर तो बुरा असर पड़ता ही है साथ ही उनकी ओवरऑल हेल्थ पर भी इसका खराब असर पड़ता है.

इस रिसर्च के दौरान प्रतिभागियों को 3 कैटेगरी में बांटा गया. एक कैटेगरी में जल्दी सोने वाले, दूसरी कैटेगरी में सही टाइम पर सोने वाले और तीसरी कैटेगरी में लेट सोने वालों को रखा गया. इसके बाद इन सभी कैटेगरी के लोगों की मेंटल हेल्थ को भी देखा गया.

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रिसर्च में पाया गया कि जो लोग रात में लेट सोते हैं या लेट तक जगे रहते हैं उनमें मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है जैसे एंग्जाइटी और डिप्रेशन. इस रिसर्च में पाया गया कि जो लोग देर रात तक जगे रहते हैं उनकी मेंटल हेल्थ पर जल्दी सोने वाले लोगों की तुलना में काफी ज्यादा नकारात्मक असर पड़ता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो अगर आपको रात में जल्दी सोने की आदत डालनी है तो इसके लिए रात में हल्का खाना खाएं  और अंधेरे कमरे में सोएं. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप रात में जल्दी नींद लाना चाहते हैं तो सिर की या पैरों की मसाज भी कर सकते हैं इससे भी आपकी बॉडी रिलेक्स होती है.

कई एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि सोने से पहले गुनगुने दूध में शहद डालकर पीने से भी नींद आती है. इसके अलावा जरूरी है कि सोने से पहले मोबाइल और स्क्रीन ना देखें. 

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