अगर खांसी-जुकाम की समस्या सिरदर्द, फेशियल प्रेशर और नाक बंद के साथ कुछ हफ्तों तक निरंतर बने रहे तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ये साइनस इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं. खांसी-जुकाम और एलर्जी के अलावा, सर्दियों की ठंडी हवा भी इस समस्या को बढ़ावा दे सकती है. हवा के साथ धूल के सूक्ष्म कण हमारे साइनस में प्रवेश कर जाते हैं और सूजन की दिक्कत बढ़ाते हैं.
इस मामले में आपके पालतू जानवर भी खतरनाक साबित हो सकते हैं. जानवरों के बालों की रूसी साइनस की इनफ्लेमेशन का काण बन सकती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि सर्दियों में एल्कोहल के नियंत्रित सेवन से भी साइनस का जोखिम कम किया जा सकता है. साइनस की समस्या वायरस के कारण होती है, लेकिन कुछ मामलों में बैक्टीरिया और फंगस भी इसकी वजह बन सकते हैं. वायरल इंफेक्शन के मामले में आप दूसरों को भी इससे संक्रमित कर सकते हैं.
साइनस इंफेक्शन के लक्षण- साइनस के इंफेक्शन में नाक बहने की समस्या देखने को मिल सकती है. इसके अलावा सिरदर्द, नाक बंद या चेहरे पर दर्द भी महसूस होता है. ऐसे लक्षणों को लगातार इग्नोर करने से आपकी तकलीफ भी बढ़ेगी.
कैसे होगा बचाव?
सर्दियों में साइनस इंफेक्शन से बचने के लिए कुछ खास बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी है. खाने से पहले और खाने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं ताकि बाहर के कीटाणु मुंह के अंदर प्रवेश ना कर पाएं. घर में बिछा कार्पेट बदलें और तकिया, चादर, सोफा, फर्नीचर आदि पर जमी धूल की अच्छी तरह सफाई करें. जानवरों से निकलने वाली रूसी के संपर्क में आने से बचें.
इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह लेकर नियमित रूप से स्टीम लें. ठंड के मौसम में पर्याप्त पानी पिएं ताकि साइनस ड्राई ना हो सके. इसके अलावा मुंह को अच्छी तरह मास्क से कवर रखें. प्रदूषण या एलेर्जी के संपर्क में आने से बचें.