शुक्रवार यानी आज 7 फरवरी को 38वें सूरजकुंड क्राफ्ट मेले का शुभारंभ हो गया है. मेले के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी पहुंचे. मेले में जहां इस बार थीम स्टेट मध्यप्रदेश और ओडिशा होंगे वहीं पार्टनर कंट्री एक देश ना होकर बीमस्टेक देशों का समूह है, जिसमें बांग्लादेश देश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड शामिल हैं.
मेले का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सूरजकुंड में कला और संस्कृति के उत्सव का प्रारंभ हुआ है. उन्होंने थीम स्टेट एमपी और उड़ीसा के सीएम का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि शिल्प के माध्यम से हम एकता के सूत्र में बंधे हैं क्योंकि भारत अंग्रेजों के आने से पहले कभी राष्ट्र के स्वरूप में नहीं था. राज्य छोटी-छोटी शासन व्यवस्थाओं में बंटा था.
शेखावत ने आगे कहा कि, अब भारत की संस्कृति का दुनिया भर में सम्मान है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत विश्व भर में आकर्षण का केंद्र बन रहा है और भारत का टूरिज्म सेक्टर विकसित हो रहा है. इस मौके पर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि कला का सबके जीवन में बड़ा महत्व है और यह मेला कला और संस्कृति को प्रदर्शित करता है.
बता दें कि मेले में 42 देशों के 648 प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे. मेले में ओडिशा और मध्य प्रदेश दो थीम राज्य हैं. मेले में पर्यटकों को अन्य प्रदेशों के साथ-साथ इन थीम प्रदेशों की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला समृद्ध कला परंपराओं को संजोए हुए है.
मेले में आने वालों की सुरक्षा के लिए ऐसी है तैयारी
सुरक्षा की नजरिए से सीसीटीवी से मेले की हर गतिविधि की निगरानी रहेगी. 1987 में इस मेले की शुरूआत हुई थी. यह शिल्प मेला कारीगरों को सीधा बाजार उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका को सशक्त बनाने और भारत सरकार के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. यह मेला छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए एक लॉन्चपैड की तरह काम करता है. यह मेला विशेषतौर पर महिला उद्यमियों को उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद रहा है जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिलता है.
मेले में 42 देशों के 648 प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे, जिनमें मिस्र, इथियोपिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बेलारूस, म्यांमार और बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल के सदस्य देश शामिल हैं.
बड़े कलाकार अपनी प्रस्तुती से करेंगे पर्यटकों का मनोरंजन
मेले के दौरान पर्यटकों को संगीत नृत्य का अनुपम संगम देखने को मिलेगा, जिसमें देशभर के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पद्मश्री अवार्डी महावीर गुड्डू, डॉ. सतिंदर सरताज, ममे खान, पापोन और बैंड्स, सौरव अत्री की मनमोहक संगीत प्रस्तुतियां रहेंगी. साथ ही डॉ. इरशाद कमाल की काव्य संध्या सुनने को मिलेगी. इनके अलावा प्रिय वेंकटरमन और देविका देवेंद्र एस. मंगला मुखी की शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति रहेगी. विख्यात हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा और गौरव गुप्ता अपने हास्यरस से पर्यटकों को हंसी से लोटपोट करेंगे. इस बार ओडिशा और मध्य प्रदेश के पारंपरिक सांस्कृतिक मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे.
वहीं मेले में एनआईएफटी मोहाली द्वारा भव्य फैशन शो देखने को मिलेगा. लोक कलाकारों में ही शामिल बंचारी, बीन सपेरा, नगाड़ा पार्टी, जादू शो, बांस वॉकर, बहुरूपिया, बायोस्कोप और कठपुतली शो मेले में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे. उत्तर-पूर्वी शिल्प और हथकरघा विकास निगम मेले का सांस्कृतिक साझेदार होगा, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों की समृद्ध शिल्प, वस्त्र और खानपान परंपराओं को प्रस्तुत करेगा.
देश-प्रदेश के व्यंजनों का चख सकेंगे स्वाद
मेले के दौरान पर्यटकों को हरियाणा के साथ-साथ देशभर के विभिन्न प्रदेशों के खास व्यंजनों का स्वाद चखने का अनोखा अनुभव मिलेगा. मेले में मुख्यरूप से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, पंजाब व अन्य राज्यों तथा थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश के स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन टिकट और पार्किंग का आधिकारिक साझेदार
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन टिकट और पार्किंग का आधिकारिक साझेदार है. मेले में आने वाले इच्छुक लोग ऑनलाइन टिकट बुकिंग डीएमआरसी वेबसाइट और सूरजकुंड मेला पोर्टल के जरिए कर सकते हैं. साथ ही, दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर ऑफलाइन टिकट भी उपलब्ध होंगे.