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The Kashmir Files: क्या है डिमेंशिया, जिसकी 'द कश्मीर फाइल्स' में 'पुष्कर पंडित' को थी शिकायत, जानें लक्षण

The Kashmir Files: 'द कश्मीर फाइल्स' में 1990 में कश्मीर विद्रोह के दौरान कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की कहानी बताई गई है. इस मूवी में अनुपम खेर को डिमेंशिया की शिकायत थी, जो मेंटल डिसऑर्डर है. डिमेंशिया क्या है, कारण, लक्षण और उपाय के बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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(Image credit: pixabay and Zee Studios)
(Image credit: pixabay and Zee Studios)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अनुपम खेर ने मूवी में पुष्कर नाथ पंडित का रोल निभाया
  • पुष्कर नाथ पंडित को डिमेंशिया की शिकायत थी
  • डिमेंशिया से दिमाग और शरीर को काफी नुकसान होता है

The Kashmir Files:11 मार्च को रिलीज हुई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में 1990 में कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म के बारे में दिखाया गया है. इस फिल्म में हर कैरेक्टर ने बखूबी अपने रोल को निभाया है. अनुपम खेर ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित (रिटायर टीचर) का रोल निभाया है, जो श्रीनगर में अपने बेटे-बहू और दो पोतों के साथ रहते हैं. उनका पोता कृष्णा (दर्शन कुमार) मूवी के आखिरी में बताता है कि उनके दादा यानी पुष्कर नाथ पंडित को डिमेंशिया था.

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डिमेंशिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है, जिसकी दुनिया में काफी सारे लोगों को शिकायत है. डिमेंशिया इंसान की दिमागी क्षमता को काफी हद तक प्रभावित करता है. डिमेंशिया क्या है, इसके लक्षण, कारण और उपाय के बारे में भी जान लीजिए.  

डिमेंशिया क्या है? (What Is Dementia)

(Image Credit : Pixabay)

कुछ लोग डिमेंशिया को पागलपन कहते हैं, तो कुछ लोग दिमाग खराब होना. लेकिन ऐसा नहीं है. डिमेंशिया इन सबसे अलग मेंटल डिसऑर्डर है. यह खुद एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कुछ मेंटल डिसऑर्डर जैसे पार्किंसंस, अल्जाइमर, डिप्रेशन, स्ट्रेस, टेंशन आदि के बाद की स्थिति होती है. आम भाषा में कहें तो डिमेंशिया में इंसान की सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है. 

डिमेंशिया उन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जो पूरे मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं. डिमेंशिया के कारण इंसान के दिमाग और शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ डिमेंशिया की संभावना बढ़ती जाती है.

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डिमेंशिया के लक्षण (Symptoms Of Dementia)

डिमेंशिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक मानसिक विकार है. कुछ रिपोर्ट बताती हैं, कि 65 साल से अधिक उम्र के 10 में एक शख्स को डिमेंशिया की शिकायत हो सकती है. अगर कम उम्र में डिमेंशिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह अल्जाइमर की शुरुआत हो सकती है. डिमेंशिया के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं.

  • एक ही बात को दोहराते रहना
  • किसी बात को न समझना
  • याददाश्त कमजोर होना
  • बात करने में लड़खड़ाना
  • पुरानी बातों को याद करना
  • पुराने किस्सों को बार-बार याद करते रहना
  • किसी बात का याद न रहना
  • सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाना
  • हर समय कुछ न कुछ बोलते रहना
  • बहकी-बहकी बातें करना
  • किसी के न होने पर अपने आप से बात करना
  • बातों का याद न रहना

डिमेंशिया का इलाज (Treatment For Dementia)

रिसर्च के मुताबिक, डिमेंशिया का अभी तक पुख्ता इलाज सामने नहीं आया है. लेकिन कुछ डॉक्टर अपने एक्सपीरियंस और नॉलेज के आधार पर इसका इलाज कर सकते हैं. इसकी शिकायत होने पर डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों की समीक्षा करके कुछ बॉडी टेस्ट करते हैं. इसके साथ ही डिमेंशिया की शिकायत वाले व्यक्ति के करीबियों से उसके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और उसके बाद निष्कर्ष निकालेंगे  डिमेंशिया की कौन सी स्टेज है.

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कोई भी सिंगल टेस्ट डिमेंशिया को आइडेंटिफाई नहीं कर सकता. इसके लिए डॉक्टर द्वारा अलग-अलग तरीके के टेस्ट किए जा सकते हैं. लेकिन हां, डिमेंशिया कुछ दिमागी विकारों की अगली स्टेज होता है. अगर उन दिमागी विकारों जैसे अल्जाइमर, डिप्रेश, स्ट्रेस आदि पर पहले से ही ध्यान दिया जाए और डॉक्टर से मिला जाए, तो डिमेंशिया के चांस कम हो सकते हैं. लेकिन किसी भी तरह की दिमागी समस्या का अनुभव होने पर उसे छिपाएं नहीं, बल्कि एक्सपर्ट को बताएं.

(Disclaimer: यह आर्टिकल जानकारी मात्र के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
 
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