बढ़ता हुआ वजन आजकल के समय में काफी आम समस्या हो गई है. अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते लोगों का वजन काफी आसानी से बढ़ जाता है. ऐसे में बहुत से लोग खासतौर पर महिलाएं और यंग गर्ल्स अपने वजन को लेकर काफी सतर्क रहने लगी हैं. वजन को कंट्रोल में रखने के लिए लोग अपनी डाइट में काफी बदलाव करते हैं और ऐसी चीजों को शामिल करने लगे हैं जिससे उनका वजन कंट्रोल में रहे. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिससे शरीर में कमी होने लगती है.
बहुत से लोगों का मानना है कि डेयरी प्रोडक्ट्स वजन बढ़ाने का काम करते हैं ऐसे में लोग डेयरी प्रोडक्ट्स के बजाय आमंड मिल्क या सोय मिल्क आदि का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करना आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. खासतौर पर महिलाओं और यंग गर्ल्स की हेल्थ के लिए. फूड एंड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट (Food and nutrition expert) प्रोफेसर इयान गिवेंस ने दूध के दूसरे विकल्पों जैसे ओट्स, बादाम और सोया दूध के खिलाफ चेतावनी दी है. आपको बता दें कि डेयरी प्रोडक्ट्स के इन विकल्पों में कैलोरी की मात्रा भले ही काफी कम पाई जाती है लेकिन इनमें वो सभी फायदे नहीं पाए जाते जो एक गाय के दूध में मौजूद होते हैं.
प्रोफेसर गिवेन ने चिंता जताते हुए कहा कि आजकल के समय में यंग गर्ल्स अपनी डाइट में से डेयरी प्रोडक्ट्स को हटाकर शरीर को मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों से समझौता कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने अपनी डाइट में रेड मीट के सेवन को भी काफी कम कर दिया है जिस कारण शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी काफी ज्यादा पाई जाने लगी है. रीडिंग यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर फूड, न्यूट्रिशन एंड हेल्थ के निदेशक प्रो गिवेंस ने कहा डाइट में से रेड मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स को कट करने से महिलाओं के शरीर में इसके नुकसान ज्यादा नजर आते हैं. उन्होंने कहा: "चिंता की बात यह है कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें यंग बच्चे अपनी डाइट में बदलाव कर रहे हैं और ऐसे विकल्पों को चुन रहे हैं जिससे उनके शरीर मे प्रोटीन की कमी नजर आने लगी है.
डाटा में यह पता चला है कि 11 से 18 साल की उम्र की आधी लड़कियों में समान उम्र के 11 प्रतिशत लड़कों की तुलना में आयरन के लेवल में कमी पाई गई है. वहीं 19 से 64 साल की महिलाओं में भी आयरन की कमी देखी गई है. आपको बता दें कि बीन्स, नट्स और ड्राई फ्रूट्स में आयरन की मात्रा पाई जाती है लेकिन मीट में यह काफी ज्यादा पाया जाता है. आयरन की कमी से शरीर में खून की कमी और हीमोग्लोबिन कम होने लगता है. इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है. जिससे थकान और एकाग्रता में कमी हो सकती है जो एनीमिया के लक्षण हैं.
राष्ट्रीय आहार और पोषण सर्वेक्षण से पता चला है कि एक चौथाई लड़कियां बहुत कम मात्रा में आयोडीन, कैल्शियम और जिंक का सेवन करती हैं, इसका एक मुख्य कारण दूध का सेवन ना करना है. प्रो गिवेंस ने चेतावनी देते हुए कहा कि डेयरी प्रोडक्ट्स आयरन के सबसे अच्छे सोर्स होते हैं, यह मछ्ली में भी पाया जाता है. महिलाओं के शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी भी काफी ज्यादा पाई जाती है जो हड्डियों के विकास के लिए काफी जरूरी माने जाते हैं. एक्सपर्ट्स ने यह भी कहा कि जिन लड़कियों को किशोरावस्था के दौरान शरीर में किसी कमी का सामना करना पड़ता है उन्हें मेनोपोज के बाद और भी ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती हैं.