डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जो अब किसी भी उम्र के लोगों को आसानी से अपनी चपेट में ले लेती है. पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़े हैं. डायबिटीज की वजह से होने वाली अन्य गंभीर बीमारियों की वजह से डॉक्टर्स लोगों डायबिटीज से खुद को बचाने की सलाह देते हैं. एक नई स्टडीज में एक खास समय में डाइट लेने वाले लोगों में डायबिटीज होने की संभावना ना के बराबर होती है. ये स्टडी नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है और हाल ही में एंडोक्राइन सोसाइटी की वार्षिक बैठक में इसका विश्लेषण किया गया.
खाने के समय का बॉडी पर असर- 10,575 लोगों पर की गई इस स्टडी में लोगों के डाइट डेटा, फास्टिंग ग्लूकोज और इंसुलिन पर सर्वे किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि लोगों के ब्रेकफास्ट करने के समय का ब्लड शुगर पर काफी प्रभाव पड़ता है. शोधकर्ताओं के अनुसार सुबह देर से ब्रेकफास्ट करने वालों की तुलना में सुबह 8.30 बजे से पहले ब्रेकफास्ट करने वालों में ब्लड शुगर का स्तर और इंसुलिन रेजिस्टेंस बहुत कम पाया गया. प्री-डायबिटीज और डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर और हार्मोन इंसुलिन का बढ़ जाना खतरे का संकेत होता है.
खाने की मात्रा से ज्यादा समय जरूरी- स्टडी में सुबह 8:30 बजे के बाद ब्रेकफास्ट करने वालों में ब्लड शुगर और इंसुलिन रेजिस्टेंस दोनों बहुत बढ़ा हुआ पाया गया. आजकल वजन कंट्रोल को लेकर तरह-तरह की डाइटिंग तकनीक अपनाई जा रही हैं. कई स्टडीज में दावा किया जाता है कि एक तय समय में थोड़ा-थोड़ा खाने से मेटाबॉलिक हेल्थ में सुधार आता है. हालांकि इस नई स्टडी में थोड़े-थोड़े समय में खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ा हुआ पाया गया लेकिन ब्लड ग्लूकोज में कुछ खास बदलाव नहीं देखा गया. एक्सपर्ट्स का कहना है कि थोड़े-थोड़े देर में खाते रहने से अच्छा है कि आप खाने को पूरा समय दें लेकिन आप कब खा रहें हैं इस बात का भी पूरा ध्यान रखें.