
भारत में पिछले कुछ वर्षों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. टाइप 2 मधुमेह मेलिटस, डायबिटीज का सबसे सामान्य रूप है. ग्रामीण आबादी में टाइप 2 डायबिटीज 2.4 प्रतिशत और शहरी आबादी में 11.6 प्रतिशत लोगों में है. डायबिटीज के 2 प्रकार होतें है. टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज से इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं होता जबकि टाइप 2 डायबिटीज में पैनक्रियाज से कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन होता है.
डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है. टाइप 2 मधुमेह तब होती है जब शरीर चीनी को संसाधित करने की क्षमता खो देता है या फिर शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल करने में असमर्थ होता है. मुख्य रूप से डायबिटीज का मुख्य कारण अधिक वजन बढ़ना और खराब लाइफ स्टाइल होता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होती है, उन लोगों में 57 अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिनमें कैंसर भी शामिल है. टाइप 2 डायबिटीज कैंसर, हार्ट और किडनी की बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाती है.
क्या कहती है रिसर्च
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में और डायबिटीज यूके द्वारा की गई स्टडी में यूके में 30 साल से अधिक वाले 30 लाख लोगों के डेटा का प्रयोग किया गया था. जिसमें पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों में से जो लोग मध्यम आयु के थे उनमें 116 गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में से 57 विकसित होने का अधिक जोखिम था.
डायबिटीज यूके के रिसर्च डायरेक्टर डॉ. एलिजाबेथ रॉबर्टसन (Dr Elizabeth Robertson) ने कहा, डायबिटीज की जटिलताएं गंभीर और जीवन को खतरे में डाल सकती हैं. यह स्टडी टाइप 2 डायबिटीज वाले मध्यम आयु वर्ग के लोगों में खराब स्वास्थ्य और बीमारियों के प्रसार को विस्तार से दिखाती है.
रिसर्च में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों में किडनी की बीमारी का खतरा 5 गुना अधिक था, जबकि लिवर कैंसर का खतरा औसत से 4 गुना अधिक था. वहीं पीड़ितों को लगभग 8 साल पहले और समान उम्र के अन्य लोगों की तुलना में 6 साल पहले हृदय रोग और आंखों की समस्याएं पैदा हुईं. अध्ययन लेखक डॉ. लुआन ने कहा, मध्यम आयु में खराब स्वास्थ्य को रोकने के लिए टाइप 2 डायबिटीज को रोकना काफी जरूरी है.
खाने पर देना होगा ध्यान
मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के विश्लेषण से पता चलता है कि इंग्लैंड में टाइप 2 डायबिटीज बीमारी में 2018 और 2019 के बीच 7 प्रतिशत की गिरावट आई थी. डायबिटीज रोगियों को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि वे क्या खाते हैं, क्योंकि उन्हें अपने ग्लूकोज के लेवल को सामान्य श्रेणी में रखने की आवश्यकता होती है.
टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी बन जाती हैं, इसलिए ब्लड शुगर के लेवल को सामान्य रखने की अधिक आवश्यकता होती है. नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, बहुत अधिक ब्लड शुगर का लेवल डायबिटीज कीटोएसिडोसिस (DKA) जैसी जानलेवा कंडीशन का कारण बन सकता है, जिससे डायबिटीज कोमा हो सकता है.