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Violent Behavior: क्या आपके बच्चे का भी है हिंसक व्यवहार? लक्षण दिखते ही तुरंत करें ये काम

बच्चों के हिंसक या अग्रेसिव बिहेवियर (Violent Behavior in Children) के कई कारण हो सकते हैं. इसमें पैरेटिंग से लेकर खान-पान तक जिम्मेदार होते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चों के हिंसक व्यवहार के कारण क्या होते हैं? बच्चों के हिंसक व्यवहार के लक्षण क्या हैं? हिंसक व्यवहार को कैसे रोका जा सकता है? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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(Image credit: Getty images)
(Image credit: Getty images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बच्चों में हिंसक व्यवहार के मामले बढ़ रहे हैं
  • हिंसक व्यवहार को ना करें अनदेखा
  • लक्षण दिखते ही मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट को दिखाएं

Violent Behavior in Children: पिछले कुछ समय से देश में कई ऐसी हिंसक घटनाएं हो रही हैं, जिसमें कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं. हाल ही में एक काफी हिंसक मामला सामने आया है, जिसमें एक 16 साल के एक लड़के ने अपनी मां की हत्या कर दी है. जानकारी के मुताबिक, लड़के को उसकी मां PUBG गेम खेलने से रोका करती थीं तो उसने गुस्से में आकर पिता की लाइसेंसी बंदूक से मां को सोते समय गोली मार दी. बेटे की इस करतूत पर लड़के के पिता ने कहा कि उन्हें पहले ही आभास हो चुका था कि उनके बेटे की हरकतें ठीक नहीं हैं और वह पहले से ही काफी गुस्सैल प्रवृत्ति का था.

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एक्सपर्ट का इस घटना पर कहना है कि आजकल के गेम्स काफी आक्रामकता वाले हैं. जो बच्चा इसे खेलता है वो रियलिटी और वर्चुअल दुनिया के बीच फर्क नहीं कर पाता और खुद को उस वर्चुअल दुनिया का ही हिस्सा मान लेता है. इसके लिए पैरेंटिंग, खान-पान, लाइफस्टाइल, दोस्त जिम्मेदार हैं.

इस तरह का व्यवहार बच्चों के दिमाग की लाइफ को पूरी तरह खत्म कर सकता है. बच्चों के हिंसक व्यवहार के कई कारण हो सकते हैं औरभविष्य में इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं. ये हिंसक व्यवहार साइकाइट्रिक कंडिशन, मेडिकल प्रॉब्लम और लाइफ प्रॉब्लम की ओर भी इशारा करते हैं इसलिए पैरेन्ट्स को बच्चे के हिंसक व्यवहार का कारण जानना चाहिए और रोकने या सुधारने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए. बच्चों के हिंसक व्यवहार के कारण क्या होते हैं? बच्चों के हिंसक व्यवहार के लक्षण क्या हैं? हिंसक व्यवहार को कैसे रोका जा सकता है? इस बारे में जान लीजिए.

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बच्चों में हिंसक व्यवहार (Violent Behavior in Children)

(Image Credit : Getty images)

एक्सपर्ट का मानना है, बच्चों के हिंसक व्यवहार को नोटिस करने के बाद अगर उस पर ध्यान ना दिया जाए तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. बच्चों की उम्र के आधार पर उनका हिंसक व्यवहार किसी को मारने, चिल्लाने, बात-बात पर गुस्सा होने, आपराधिक हरकत करना भी हो सकता है. बच्चों के सामने आने वाले कुछ कारक उनके हिंसक व्यवहार को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं.

एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि किसी भी उम्र में बच्चों के हिंसक व्यवहार को अनदेखा नहीं करना चाहिए. बच्चों में हिंसक व्यवहार के ये संकेत नजर आ सकते हैं:

- बार-बार गुस्सा दिखाना
- समझाने पर भी गुस्सा करना
- कोई भी बात समझाने पर चीजें फेंकने लगना
- मां-बाप को ही मारने दौड़ना
- लोगों के बारे में गलत बोलना
- गलत भाषा का प्रयोग करना
- गलत आदतों में पड़ना
- भाई-बहन के लिए स्नेह न रखना
- लड़ाकू प्रवृत्ति होना
- हमेशा उदास रहना
- संवेदनशील और चिड़चिड़े रहना
- बार-बार जोश में आना

हिंसक व्यवहार के कारण (Violent behavior Causes)

हिंसक तरीके से व्यवहार करने वाले बच्चों में कोई ना कोई ऐसा कारण नजर आता है जो उनके इस व्यवहार को अधिक बढ़ाता है. उनके इस आक्रामक व्यवहार के ये कारण हो सकते हैं:

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गलत व्यवहार: फिजिकल, ओरल या सेक्सुअल

घरेलू वातावरण न मिलना: माता-पिता द्वारा बच्चों की अच्छी तरह से देख-भाल ना किए जाना, जिससे बच्चों को घरेलू वातावरण नहीं मिलता और वे हिंसक हो जाते हैं.

इमोशनल ट्रॉमा या स्ट्रेस: कई बार किसी दर्दनाक घटना होने या फिर स्ट्रेस के कारण लगातार तनाव हो जाता है, जिससे बच्चों का व्यवहार हिंसक होने लगता है.

बच्चों को धमकाना: अगर बच्चों की किसी प्रकार की धमकी दी जाए तो भी उनका व्यवहार आक्रामक हो सकता है. 

फैमिली प्रॉब्लम: अगर किसी की फैमिली में पहले से ही हिंसा होती आई है तो बच्चों पर उसका गलत असर पड़ता है और आगे चलकर वे भी हिंसात्मक प्रवत्ति के हो जाते हैं.

नशीनी चीजों का सेवन: शराब और अन्य गलत चीजों के सेवन से बच्चों में आक्रामकता बढ़ सकती है. 

हिंसा देखना: कई बार टीवी पर हिंसक कार्यक्रम देखने आदि से बच्चों में हिंसक व्यवहार बढ़ जाता है.

घर में हथियार देखना: घर में लगातार बंदूकें, चाकू आदि को देखते रहने से भी बच्चों का व्यवहार हिंसक हो जाता है.

हिंसक वीडियो गेम खेलना: एक्सपर्ट का मानना है कि शूटिंग वीडियो गेम्स से बच्चों के दिमाग पर काफी गलत असर होता है. 

मानसिक स्थिति: कई मामलों में बच्चों में बाइपोलर डिसऑर्डर, एंग्जाइटी, डिप्रेशन के मामले भी देखे जाते हैं. यह कुछ ऐसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां हैं जो हिंसक और आक्रामक व्यवहार को बढ़ा सकती हैं. 

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अगर बच्चा हिंसक व्यवहार करे तो क्या करें? (What to do if a child behaves violently)

रिसर्च से पता चलता है कि अगर कारण को खत्म कर दिया जाए तो उनके हिंसक व्यवहार को काफी कम या फिर खत्म किया जा सकता है. एक्सपर्ट का मानना है कि हिंसा से ही हिंसा होती है. इसलिए बच्चों को हिंसक चीजों, टेलिविजन शोज आदि से दूर रखना चाहिए.

जब भी माता-पिता या अन्य घर के सदस्य देखें कि उनका बच्चा या भाई-बहन बच्चा हिंसक व्यवहार कर रहा है तो उसे तुरंत किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास ले जाना चाहिए. किसी प्रोफेशनल डॉक्टर द्वारा किया गया इलाज उसके व्यवहार को दूर करने में मदद कर सकता है. बच्चों को मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा गुस्से पर कंट्रोल करना, मन की बातों को बताना, संघर्ष करना, नेगेटिव बातों को दूर करना, पॉजिटिव बातों को सोचना आदि के बारे में बताया जा सकता है. इसके अलावा नीचे बताए तरीके भी हिंसक व्यवहार को कम करने में मदद कर सकते हैं.

- घरेलू माहौल बनाना
- बच्चों के मन की बात जानना
- बच्चों से बात करना और समझना
- बच्चों की परेशानियों को अनदेखा न करना
- सेक्सुअल एजुकेशन
- बच्चों के मोबाइल-टैबलेट की जांच करते रहना
- प्राकृतिक जगहों पर घुमाने ले जाना
- अच्छी चीजें दिखाने के लिए मोटिवेट करना
- बुक्स पढ़ने की आदत डालना
- गलती होने पर अग्रेसिव न होना
 

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