शरीर में जमा फैट आपकी बाहरी सुंदरता को तो प्रभावित करता ही है साथ ही आपकी हेल्थ पर भी बुरा असर डालता है. हमारे पूरे शरीर में कई तरह के फैट मौजूद होते हैं. इनमें से कुछ फैट हमारे शरीर के लिए अच्छे साबित होते हैं जबकि कुछ फैट काफी खतरनाक होते हैं. इनमें से पेट के निचले हिस्से में जमा फैट जिसे बैली फैट भी कहा जाता है काफी खतरनाक माना जाता है. इसे समझने के लिए पहले आपको बताते हैं हमारे शरीर में कितने तरह के फैट होते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
कितने प्रकार के होते हैं फैट
हमारे शरीर में 4 तरह के फैट होते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में
सबक्यूटेनियस फैट- इस प्रकार का फैट हमारे मसल्स के ऊपर जमा होता है इस प्रकार का फैट बाजू, पेट, जांघ और हिप्स के आसपास पाया जाता है. कुछ मात्रा में इस फैट को हेल्दी माना जाता है. लेकिन अगर यह अधिक मात्रा में इक्ट्ठा हो जाता है तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
विसरल फैट- इस तरह के फैट को काफी हानिकारक माना जाता है. यह फैट किडनी, आंत, बैली, हृदय के आस पास जमा होता है. इस फैट की मात्रा अधिक होने से डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है. इस फैट के बढ़ने से किडनी डेमेज, स्ट्रोक, हृदय रोगों का खतरा हो सकता है.
ब्राउन फैट- इस तरह का फैट कंधों और छाती के आसपास पाया जाता है. यह अधिकतर बच्चों के अंदर नजर आता है बड़ों में इसकी मात्रा कम पाई जाती है. रिसर्च के अनुसार ठंडे तापमान के अंदर यह फैट एक्टिवेट हो जाता है और आपकी कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है.
एसेंशियल फैट- इस तरह का फैट हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. यह फैट ब्रेन, बोन मैरो, नर्व और मेंब्रान में पाया जाता है जो हमारे ऑर्गन की रक्षा करते हैं. यह फैट फर्टिलिटी के लिए भी आवश्यक होता है.
पुरुषों और महिलाओं के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैट जमा होता है. महिलाओं में फैट बैली और हिप्स के आसपास जमा होता है. महिलाओं के शरीर में सबक्यूटेनियस फैट की मात्रा पाई जाती है. जबकि पुरुषों में विसरल फैट की मात्रा पाई जाती है. विसरल फैट को काफी खतरनाक माना जाता है इससे आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है. जैसे डायबिटीज और हृदय रोग. ऐसे में आइए जानते हैं क्यों माना जाता है विसरल फैट को सबसे खतरनाक-
मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं- हमारे पेट के आसपास सबक्यूटेनियस और विसरल दोनों तरह के फैट पाए जाते हैं. ये दोनों ही फैट हमारे ऑर्गन की रक्षा करने का काम करते हैं लेकिन इनकी मात्रा अधिक होने से टाइप-2 डायबिटीज, फैटी लीवर और हृदय रोगों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance)- इंसुलिन एक हार्मोन होता है, जो पैनक्रियाज में कोशिकाओं के एक समूह द्वारा स्रावित होता है. इंसुलिन ऊर्जा प्राप्त करने के लिए शरीर की अन्य कोशिकाओं द्वारा शुगर के अवशोषण में मदद करता है. इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी ही स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं रक्त शर्करा को अवशोषित करने में सक्षम नहीं होती हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है.
क्या करें
पेट के आसपास मौजूद फैट से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जैसे डायबिटीज और हृदय संबंधी रोग. ऐसे में जरूरी है कि शरीर में मौजूद फैट की मात्रा को मेनटेन किया जाए. इसके लिए एक हेल्दी डाइट को फॉलो करना बेहद जरूरी होता है साथ ही रोजाना एक्सरसाइज से भी आप बैली फैट को कम कर सकते हैं.