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वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) दुनिया भर में 4 फरवरी को मनाया जाता है. विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत 1933 से हुई थी. कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इस इस दिन को मनाना शुरू किया था. इस दिन कैंसर के प्रति जागरुक करने लिए कई सरकारी और प्राइवेट संस्थाएं कैंप, लेक्चर और सेमीनार आयोजित करती हैं.
दुनिया भर में हजारों लोगों की हर साल कैंसर के कारण मौत हो जाती है. विश्व कैंसर अनुसंधान के मुताबिक, रोजमर्रा खाए जाने वाले कुछ ऐसे फूड्स हैं, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. अगर इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना बंद कर दिया जाए तो कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है. अगर आप भी कैंसर से बचे रहना चाहते हैं और उसके जोखिम को कम करना चाहते हैं, तो नीचे बताए हुए फूड्स को खाना बंद कर दें.
तला हुआ खाना (Fried foods)
तले हुए खाने को तलने के लिए तेल को तेज आंच पर गर्म किया जाता है. ऐसा करने से एक्रिलामाइड नाम का यौगिक बनने लगता है. रिसर्च के मुताबिक, एक्रिलामाइड यौगिक डीएनए को नुकसान पहुंचाता है, जिससे बीमारियां होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है, जिनमें कैंसर भी एक हो सकता है.
एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ लोगों को फ्राइड फूड खाने की आदत होती है. ऐसे फूड खाने से टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है. ये स्थितियां तनाव और शरीर में सूजन को बढ़ा सकती हैं, जिससे कैंसर का खतरा और अधिक बढ़ सकता है.
अधिक पका हुआ खाना (Overcooked foods)
भारतीय घरों में खाना को अधिक पकाने की आदत है, जिससे उस खाने से उसके सारे विटामिन और मिनरल नष्ट हो जाते हैं. लेकिन वहीं कुछ लोग खाने को तेज आंच पर या फिर सीधे आग में पकाते हैं और फिर उनका सेवन करते हैं. ऐसा खाना खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
2020 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, तेज आंच में नॉनवेज को पकाने से कई ऐसे कंपाउंड बनने लगते हैं, जो कोशिकाओं के डीएनए को बदल देते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं. इसलिए तेज आंच में सीधे खाना पकाने की जगह प्रेशर कुकर का प्रयोग करें. इसके अलावा हल्की आंच पर रोस्ट या बेक कर सकते हैं.
चीनी वाले और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट (Sugary and refined carbohydrates)
मीठे और रिफाइंड फूड प्रोडक्ट अप्रत्यक्ष रूप से कैंसर के खतरे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. इन खाद्य पदार्थों में चीनी वाली ड्रिंक, बेक्ड फूड, व्हाइट पास्ता, व्हाइट ब्रेड, व्हाइट राइस आदि शामिल हैं. इसके अलावा स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ खाने से डायबिटीज और मोटापे का खतरा भी बढ़ सकता है. 2020 की एक स्टडी के मुताबिक, डायबिटीज और मोटापे जैसे स्थितियों से भी कुछ तरह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
2019 के रिव्यू के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज से ओवरी, स्तन और गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ गया था. चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले उत्पादों में चीनी की मात्रा भी काफी अधिक होती है, जो कि मलाशय के कैंसर को बढ़ावा दे सकता है. इसलिए ऐसे फूड्स को भी खाने से बचें.
शराब (Alcohol)
शराब का सेवन करने से लिवर अल्कोहल को एसिटालडिहाइड, एक कार्सिनोजेनिक यौगिक में तोड़ देता है. जिससे डीएनए को नुकसान होता है और इम्यूनिटी फंक्शन में भी समस्या आने लगती है. इससे कुछ तरह के कैंसर का जोखिम बढ़ने लगता है. शराब पीने से शरीर को अन्य कई नुकसान भी होते हैं, इसलिए इसका सेवन भी नहीं करना चाहिए.
प्रोसेस्ड मीट (Processed meat)
प्रोसेस्ड मीट बनाने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, वे कैंसर पैदा कर सकने वाले तत्व यानी कार्सिनोजेन्स बना सकते हैं. इसलिए प्रोसेस्ड मीट के सेवन से बचना चाहिए. 2019 में हुई रिसर्च के मुताबिक, प्रोसेस्ड मीट मलाशय के कैंसर का मुख्य कारक है और अन्य स्टडी के मुताबिक, प्रोसेस्ड मीट पेट के कैंसर का भी जोखिम बढ़ा सकता है.
इसके अलावा 2018 में एक रिव्यू में पाया गया था, जो महिलाएं प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का जोखिम अधिक था.