scorecardresearch
 
Advertisement
लाइफस्टाइल

इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल

इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 1/9
बांग्लादेश कभी पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था. अब वो एक स्वतंत्र मुल्क है. अस्तित्व में आने के बाद से पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे. दोनों के बीच हमेशा कड़वाहट रही है लेकिन भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध में तनाव को मौके के तौर पर इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ अपनी करीबी बढ़ाने में लगा है. इसकी चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में भी खूब हो रही है. हालांकि, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री और भारत की दोस्त शेख हसीना के सामने इमरान की दाल नहीं गली.

इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 2/9
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना से टेलीफोन पर बातचीत की लेकिन शेख हसीना की तरफ से कोई उत्साहजनक और सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई. इमरान खान ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सामने कश्मीर और सार्क का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे.

इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 3/9
पाकिस्तान की सरकार और बांग्लादेश की सरकार ने इस बातचीत के बाद अलग-अलग बयान जारी किए जो बिल्कुल अलग थे. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि इमरान खान ने कश्मीर में गंभीर हालात के बारे में बातचीत की और समस्या के जल्द समाधान की जरूरत पर जोर दिया. हालांकि, बांग्लादेश सरकार की तरफ से जारी किए बयान में कश्मीर का कोई जिक्र नहीं था.
Advertisement
इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 4/9
पाकिस्तान ने बांग्लादेश की पीएम से इमरान की बातचीत को लेकर नौ पैराग्राफ का लंबा चौड़ा बयान जारी किया जबकि बांग्लादेश सरकार का बयान सिर्फ दो पैरा का ही था. पाकिस्तान के बयान में कहा गया था कि इमरान खान ने हसीना को पाकिस्तान के दौरे का न्योता दिया है लेकिन बांग्लादेश ने इस आमंत्रण को स्वीकार करने को लेकर कोई जिक्र नहीं किया है. इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.
इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 5/9
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी किया और बांग्लादेश के रुख की सराहना की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, बांग्लादेश के साथ हमारे रिश्ते वक्त की कसौटी पर खरे उतर चुके हैं... हम जम्मू-कश्मीर और इससे जुड़े सभी घटनाक्रमों पर उनके पुराने रुख पर कायम रहने की सराहना करते हैं. बांग्लादेश ने हमेशा से कश्मीर को भारत का आंतरिक मुद्दा कहा है. बांग्लादेश ने हमेशा यही स्टैंड लिया है.
इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 6/9
पाकिस्तान बांग्लादेश में आजकल ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है. ढाका में पाकिस्तान के उच्चायुक्त इमरान अहमद सिद्दीकी ने दो सप्ताह पहले बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन से मुलाकात की थी. इस बैठक के बाद से ही कई विश्लेषक ये कहने लगे थे कि पाकिस्तान भारत के दोस्त बांग्लादेश के करीब जाना चाह रहा है. ढाका के एक वरिष्ठ पत्रकार ने तुर्की की एनाडोलु न्यूज एजेंसी से कहा कि पहले पाकिस्तानी राजदूत कुछ मौकों पर ही हमारे वरिष्ठ अधिकारियों से मिलते थे और वो भी तब जब बांग्लादेश किसी मुद्दे पर विरोध दर्ज कराने के लिए उन्हें समन करता था.
इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 7/9

जनवरी महीने में सिद्दीकी बांग्लादेश में पाकिस्तानी उच्चायुक्त के पद पर नियुक्त हुए थे. यह पद करीब 20 महीनों तक खाली ही पड़ा था क्योंकि बांग्लादेश प्रशासन ने पाकिस्तान की ओर से नामित किए गए सैयद सैकलिन की नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी थी. सिद्दीकी जब से उच्चायुक्त बने हैं, तब से बांग्लादेश में पाकिस्तान अपनी कूटनीतिक पकड़ मजबूत करने में जुट गया है.
इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 8/9
बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ कड़वा अतीत रहा है. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग 1971 में आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी से लड़ाई में सबसे आगे रही थी. शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक की हत्या में पाकिस्तान की भूमिका आज भी बांग्लादेश भूला नहीं है. पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में तब और खटास आ गई थी जब कुछ साल पहले शेख हसीना की सरकार ने 1971 में युद्ध अपराध करने के आरोप में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के कई नेताओं को फांसी पर चढ़ाने का फैसला किया. पाकिस्तान ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और इसे भारत-बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच 1974 में हुए त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन करार दिया था. बांग्लादेश ने इस्लामाबाद के तीन अधिकारियों पर इस्लामिक चरमपंथियों से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए उन्हें पाकिस्तान लौटने के लिए भी कहा था.
इमरान खान के फोन के बाद भी बांग्लादेश में नहीं गली पाकिस्तान की दाल
  • 9/9
बांग्लादेश में बीएनपी-जमात (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) के जरिए आईएसआई समर्थित कई आतंकी समूह सक्रिय रहे हैं. 2018 के पिछले चुनाव में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने बीएनपी को समर्थन देने की कोशिश की थी लेकिन उसकी चाल बेकार रही.
Advertisement
Advertisement
Advertisement