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लाइफस्टाइल

रोगी के पीछे चलने से भी खतरा, जानें कैसी है कोरोना की पकड़

रोगी के पीछे चलने से भी खतरा, जानें कैसी है कोरोना की पकड़
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कोरोना वायरस ड्रॉपलेट के जरिए संक्रमित व्यक्ति से दूसरों तक फैलता है. इसलिए लोगों को खांसते या छींकते वक्त मुंह पर हाथ रखने या मास्क पहनने की सलाह दी जाती है. एक नई रिसर्च के मुताबिक यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के पीछे चलने या दौड़ने वाले इंसान को भी आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है.
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नीदरलैंड की एक टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बर्ट ब्लोकन और फैबियो मैलिजिया ने सिम्युलेशन तकनीक के जरिए समझाया कि आखिर ये वायरस कैसे निरंतर दूरी रखने पर भी इंसान को शिकार बना सकता है.
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टेक्नोलॉजिस्ट के अनुसार, कोरोना वायरस में यदि आप किसी व्यक्ति के पीछे 6 फीट की समान दूरी बनाकर दौड़ रहे हैं तो आपके संक्रमित होने का खतरा काफी ज्यादा है.

Picture: ANSYS
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रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित के पीछे चलने या दौड़ने से भी खतरा बताया गया है. कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट्स 6 फीट से ज्यादा दूरी रखने पर भी अपना असर दिखा सकते हैं.

Picture: ANSYS
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किसी व्यक्ति के पीछे रहकर दौड़ने की बजाए बगल में दौड़ना ज्यादा सुरक्षित है. या फिर दूरी काफी ज्यादा होनी चाहिए.

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बता दें कि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि कोरोना वायरस सरफेस के अलावा हवा में भी घंटों तक सक्रिय रह सकता है.

Picture: ANSYS
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शोधकर्ताओं का कहना है कि खांसी या छींक में बाहर आए माइक्रोस्कोपिक ड्रॉपलेट्स तकरीबन 3 घंटे तक हवा में अपना असर दिखा सकते हैं.
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हालांकि हवा में मौजूद लगभग आधे से ज्यादा वायरस पार्टिकल्स करीब 66 मिनट में निष्क्रिय हो जाते हैं. वहीं, वायरस के करीब 25 प्रतिशत पार्टिकल्स करीब एक घंटे तक एक्टिव रहेंगे.
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तीसरे घंटे में इनकी संख्या घटकर 12.50 प्रतिशत तक रह जाएगी. कोरोना वायरस तांबे की चीजों पर सबसे कम समय तक सक्रिय रह सकता है. करीब 46 मिनट के अंदर तांबे पर इसका आधे से ज्यादा असर कम हो जाता है.
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