उन्होंने कहा, 'वैक्सीन का सेफ होना भी जरूरी है. 60-70 के दशक में खसरे की वैक्सीन आई थी, लेकिन उसके साइडइफेक्ट्स बहुत ज्यादा होने लगे. फेफड़ों और न्यूरॉजिकल साइडइफेक्ट्स देखने को मिले थे. हेल्दी पॉपुलेशन के लिए एक आदर्श वैक्सीन का होना बहुत जरूरी है.'