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लाइफस्टाइल

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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एक तरफ जहां कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं रिकवरी रेट भी पहले से अच्छा हुआ है. इसका मतलब है कि इलाज के दौरान ज्यादातर लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बन रही है और वो अब ठीक होकर घर वापस जाने लगे हैं. लेकिन ये एंटीबॉडी शरीर में कब तक रहती है, इस पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. इसके साथ ही लोग इस बात की भी आशंका जता रहे हैं एंटीबॉडी चले जाने से कोरोना वायरस का खतरा फिर हो सकता है.
कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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अब नए शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी हल्के लक्षण वाले मरीजों में बस कुछ महीने ही रहती है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि एंटीबॉडी के साथ-साथ शरीर से सुरक्षा भी चली जाएगी या फिर इसके बिना प्रभावी वैक्सीन नहीं बन पाएगी. ये स्टडी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई है.

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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अमेरिका के वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बडी क्रीक ने कहा, 'जरूरी नहीं है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर में हमेशा के लिए इम्यूनिटी बन जाए क्योंकि एंटीबॉडी इस प्रक्रिया का सिर्फ एक हिस्सा भर है.'

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कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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डॉक्टर क्रीक का कहना है कि इम्यून सिस्टम को याद रहता है कि जरूरत पड़ने पर शरीर में नई एंटीबॉडीज कैसे बनानी हैं. एंटीबॉडीज वो प्रोटीन हैं जिसे बी कोशिकाएं (B cells) वायरस को जकड़कर कर खत्म करने के लिए बनाती हैं.

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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वायरस का पहला संक्रमण होने पर शरीर इससे आसानी से नहीं लड़ पाता है लेकिन दूसरी बार संक्रमण होने पर शरीर का इम्यून सिस्टम इससे निपटने में पूरी तरह प्रशिक्षित हो जाता है और पहले से ज्यादा बेहतर एंटीबॉडी बनाता है.

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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रिसर्च के दौरान कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के डॉक्टर ओटो यांग और उनके अन्य सहयोगियों को  COVID-19 के 30 मरीजों में पहले से ज्यादा बेहतर एंटीबॉडीज मिले. इन सभी मरीजों की औसत आयु 43 साल थी और इनमें से अधिकांश लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण थे.

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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शोधकर्ताओं ने पाया कि एंटीबॉडीज 73 दिनों में आधे हो जाते हैं. ये स्टडी चीन की पिछली रिपोर्ट से मेल खाती है जिसमें बताया गया था शरीर में एंटीबॉडीज तेजी से बेअसर हो रहीं हैं.

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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डॉक्टर क्रीक का कहना है कि ये सच है लेकिन इम्यून सिस्टम के अन्य भाग भी सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं. एंटीबॉडी बनाने के अलावा, बी कोशिकाएं एक स्मृति भी विकसित करती हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वो जान सकें कि वायरस से कैसे लड़ना है.

कोरोना से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी को लेकर दूर हुआ ये कंफ्यूजन
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डॉक्टर क्रीक का कहना है कि वायरस के दोबारा हमला करने पर टी कोशिकाएं (T cells) भी इसका बेहतर तरीके से मुकाबला करने में सक्षम होती हैं.

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एलिसन यूनिवर्सिटी के इम्यूनोलॉजिस्ट एलिसन क्रिस का कहना है कि एंटीबॉडी शरीर में लंबे समय तक नहीं रह सकती हैं, लेकिन हमें ये जानने की जरूरत है कि कोरोना वायरस के दोबारा संपर्क में आने पर लोग नए सिरे से एंटीबॉडीज कैसे बनाते हैं और क्या ये दूसरे संक्रमण से भी बचा सकता है.

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