एल्ला ने कहा कि भारतीय वैक्सीन इंडस्ट्री अमेरिका और यूरोप के बहुराष्ट्रीय कंपनियों से किसी भी तरह कम नहीं है और तकनीक और क्लिनिकल रिसर्च के मामले में चीन से बहुत आगे है. उन्होंने कहा, 'कई लोग भारतीय कंपनी पर संदेह करते हैं और उन्हें हमारी क्षमता पर भरोसा नहीं है. हालांकि ऐसे लोग तब गलत साबित हो गए जब हमने अपने क्लिनिकल ट्रायल्स से रोटावायरस, पोलियो और अन्य बीमारियों के लिए वैक्सीन बना लिए.