स्टडी के लेखकों ने आगाह किया कि बंदरों और मनुष्यों में होने वाले SARS-CoV-2 के संक्रमण के अंतर के कारण आगे भी इस तरह के शोध की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा, 'SARS-CoV-2 संक्रमण मनुष्यों को दोबारा वायरस के संपर्क में आने के खतरे को प्रभावी रूप कम करता है या नहीं, इसके लिए कई क्लीनिकल स्टडीज करने की जरूरत होगी.