क्रॉनिक किडनी बीमारी
कैसे हैं हालात?: दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाली बीमारियों से सीधे तौर पर जूझ रही है और भारत भी इसका बड़ा शिकार है. गर्मी से झुलसने वाले आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, गोवा और महाराष्ट्र जैसे राज्य इसका मुख्य केंद्र है. इस गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन बढ़ रहा है.
क्या आप जानते हैं?: हर साल भारत में 2.2 से 2.75 लाख मरीजों को गुर्दा रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ती है.
मलेरिया और जीका
कैसे हैं हालात?: बढ़ते तापमान के बीच दुनिया में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. 16 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच मच्छरों के जरिए सबसे ज्यादा बीमारियां फैलने का खतरा रहता है. सिर्फ गर्मी नहीं बारिश के स्तर में बदलाव से भी मच्छरों के प्रजनन में बढ़ोतरी होती है.
क्या आप जानते हैं?: वर्तमान में 3.2 अरब लोग, करीब आधी दुनिया मलेरिया के खतरे में है. साल 2015 में 21.4 करोड़ मलेरिया के नए मामले सामने आए हैं.
डायरिया
कैसे हैं हालात?: जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया में डायरिया से होने वाली मौत के आंकड़ों में 48 हजार और इजाफे की आशंका है. विकासशील देशों में 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका ज्यादा असर दिखाई देगा. तापमान में बढ़ोतरी और बारिश में कमी से डायरिया और ज्यादा फैलता है.
क्या आप जानते हैं?: साल 2100 में, आज की तुलना में तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होगा. इसके चलते डायरिया के 22 लाख और मरीज बढ़ेंगे.
कुपोषण
कैसे हैं हालात?: बढ़ते तापमान और घटती बढ़ती बारिश के चलते अनाज का उत्पादन घट रहा है. इससे दुनिया में कुपोषण के हालात बढ़ रहे हैं, और हर साल 31 लाख मौत हो रही हैं.
क्या आप जानते हैं?: बच्चों की कुल मौत में से 45% कुपोषण के कारण होती हैं.
सांस की बीमारियां
कैसे हैं हालात?: उच्च तापमान से हवा में ओजोन और प्रदूषक तत्वों का लेवल बढ़ जाता है. इससे इंसानों को अस्थमा जैसी सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. दुनिया में करीब 30 करोड़ लोग सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं.
क्या आप जानते हैं?: दुनिया में घर की प्रदूषक हवा के कारण हर साल 43 लाख और आसपास मौजूद प्रदूषण के कारण 37 लाख लोगों की मौत होती है.
मानसिक बीमारियां
कैसे हैं हालात?: तूफान, बाढ़, सूखे, अधिक तापमान के कारण हो रहे मौसम बदलाव का असर सीधे इंसानों पर पड़ रहा है. इसके कारण आम लोग मानसिक बीमारी, चिंता, तनाव, अवसाद और मादक पदार्थों के शिकार हो रहे हैं.
क्या आप जानते हैं?: दुनिया में इंसानों को होने वाली बीमारियों में चौथा स्थान अवसाद का है. 2020 तक अवसाद संबंधी बीमारियां दूसरे स्थान पर होंगे.
दिल की बीमारियां
कैसे हैं हालात?: ज्यादा सर्दी और अधिक गर्मी का सीधा इंसान के दिल पर असर पड़ता है. इसके अलावा हवा में मौजूद अधिक प्रदूषक तत्वों के कारण दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. दुनिया भर में सबसे ज्यादा मौत दिल की बीमारियों के कारण होती हैं.
क्या आप जानते हैं?: दुनिया में होने वाली कुल मौत में से स्ट्रोक, दिल की बीमारी, कैंसर और सांस की बीमारियों की हिस्सेदारी दो तिहाई है. ये मौत असुरक्षित और प्रदूषित पर्यावरण के कारण होती हैं.