भारत बहुत-सी सांस्कृतिक और लोककलाओं का धनी देश है. कथक से लेकर बीहू तक यहां पर हर तरह की नृत्य विधा मौजूद है. विदशों से आकर लोग इन कलाओं की पारंपरिक शिक्षा लेते हैं. इंटरनेशनल डांस डे के मौके पर जानिए भारत के क्लासिकल और लोक नृत्यों के बारे में...
ओडिसी क्लासिकल डांस, ओडिशा
यह पूर्वी भारत का मशहूर भारतीय नृत्य है जिसे महिलाएं प्रस्तुत करती हैं. यह क्लासिकल डांस की सबसे पुरानी विधाओं में से एक है. इस नृत्य में 50 मुद्राएं होती हैं.
कुचिपुड़ी क्लासिकल डांस, आंध्र प्रदेश
कुचिपुड़ि आंध्र प्रदेश की नृत्य शैली है और यहां के कुचेलापुरी नाम के गांव के नाम पर इसका नाम पड़ा. एक लम्बे समय से यह कला केवल मंदिरों में और वह भी आंध्र प्रदेश के कुछ मंदिरों में वार्षिक उत्सव के अवसर पर प्रदर्शित की जाती रही है.
मणिपुरी नृत्य, मणिपुर
मणिपुरी नृत्य पूर्वोत्तर के मणिपुर क्षेत्र से आया शास्त्रीय नृत्य है. मणिपुरी नृत्य भारत के अन्य नृत्य रूपों से भिन्न है. इसमें शरीर धीमी गति से चलता है. यह नृत्य रूप 18वीं शताब्दी में वैष्णव सम्प्रदाय के साथ विकसित हुआ था. विष्णु पुराण, भागवत पुराण तथा गीत गोविंदम की रचनाओं से आई विषयवस्तुएं इसमें प्रमुख रूप से उपयोग की जाती हैं.
कथक, उत्तर भारत
कथक की शैली का जन्म ब्राह्मण पुजारियों द्वारा हुआ था जिन्हें कथिक कहते थे, जो नाटकीय अंदाज में हाव भावों का उपयोग करते थे. कुछ समय बाद इसमें कथा कहने की शैली और अधिक विकसित हुई और यह एक नृत्य का रूप बन गया. उत्तर भारत में मुगलों के आने पर इस नृत्य को शाही दरबार में प्रस्तुत किया जाता था.
कथकली, केरल
केरल के दक्षिण-पश्चिमी राज्य का नृत्य है कथकली. कथकली का अर्थ है एक कथा का नाटक या एक नृत्य नाटिका. कथा का अर्थ है कहानी, यहां अभिनेता रामायण और महाभारत के महाग्रंथों और पुराणों से लिए गए चरित्रों को अभिनय करते हैं. यह अत्यंत रंग बिरंगा नृत्य है. इसके नर्तक उभरे हुए परिधानों, फूलदार दुपट्टों, आभूषणों और मुकुट से सजे होते हैं.
भरत नाट्यम, तमिलनाडु
भरत नाट्यम, भारत के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है और इसका संबंध दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य से है. यह नाम 'भरत' शब्द से लिया गया है और इसका संबंध नृत्यशास्त्र से है. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा, हिंदु देवकुल के महान त्रिदेवों में से प्रथम, नाट्य शास्त्र या फिर नृत्य विज्ञान हैं.
रासलीला, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश का लोक नृत्य है रासलीला. इसे खासतौर पर कृष्ण जन्मोत्सव और होली के मौके प्रस्तुत किया जाता है.
कराकट्टम, तमिलनाडु
कराकट्टम तमिलनाडु का प्राचीन डांस माना जाता है.
रौतनाचा, छतीसगढ़
छतीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में यह लोक नृत्य बहुत महशूर है.
घूमर, राजस्थान
राजस्थान का यह मशहूर लोक नृत्य दुनिया के 10 सबसे पसंद किए जाने वाले लोक नृत्यों में से एक है.
बीहू, असम
बीहू के मौके पर असम में बीहू संगीत की धुन पर इस नृत्य को किया जाता है.
लावनी, महाराष्ट्र
लावनी नृत्य लोक गीतों की धुनों और ढोलकी की थाप पर किया जाता है. यह लोक नृत्य मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी प्रसिद्ध है.
मटकी डांस, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में शादी-ब्याह के मौके पर औरतें मटकी डांस करती हैं. यह इस प्रदेश का प्रसिद्ध लोक नृत्य है.
घूमरा डांस, ओडिशा
यह ओडिशा की आदिवासी जातियों का ट्रेडिशनल डांस है. इस डांस को करने वाले कलाकार विदेशों में भी इसकी प्रस्तुति के लिए जाते हैं.
वीरानृत्यम, आंध्र प्रदेश
यह आंध्र प्रदेश की बहुत पुरानी नृत्य विधा है.
पुलीकाली, केरल
केरल के लोक नृत्यों में से एक है पुलीकाली. इसे शेरों का डांस भी कहा जाता है. इसमें भाग लेने वाले कलाकार शेरों की भांति तैयार होते हैं. इसे खास तौर पर ओनम के मौके पर प्रस्तुत किया जाता है.
रोफ डांस, जम्मू-कश्मीर
कश्मीर की हसीन वादियों में इस लोक नृत्य को खूब पसंद किया जाता है. रोफ की ही तरह धूमल भी यहां का प्रसिद्ध लोक नृत्य है.
गरबा, गुजरात
गुजरात का यह ट्रेडिशनल डांस पूरे भारत में मशहूर है. शादी और नवरात्र के मौके पर इसकी खूब धूम देखी जा सकती है.
छाऊ, पश्चिम बंगाल
छाऊ बंगाल के आदिवासियों का लोक नृत्य है और यह त्योहार के मौकों पर किया जाता है.
डोलूकुनिथा, कर्नाटक
कर्नाटक के इस लोक नृत्य को पुरुष प्रस्तुत करते हैं और इस नृत्य में और भी कई क्लासिकल डांस की मुद्राओं का प्रयोग किया जाता है.
भांगड़ा, पंजाब
भांगड़ा पंजाब का लोक नृत्य है जिसे पूरे भारत में पसंद किया जाता है. पंजाब का ही एक और लोक नृत्य गिद्दा भी वहां की पहचान है.