हालांकि, शोधकर्ताओं ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वह लोगों को धूम्रपान करने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है और 50 फीसदी लोगों की मौत धूम्रपान की वजह से ही होती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि निकोटीन वायरस से लोगों को बचा सकता है, लेकिन धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों पर तंबाकू का विषाक्त प्रभाव पड़ता है और उनमें कोरोना के गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं.