प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान का खास ख्याल रखना पड़ता है. मां के खाने से गर्भ में पल रहा बच्चा सीधे तौर पर प्रभावित होता है, इसलिए डॉक्टर्स खानपान में संयम बरतने की सलाह देते हैं. यहां हम कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान नजरअंदाज करना चाहिए. यह अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों पर आधारित है...
कच्चा पपीता : इसमें कोई दो राय नहीं कि पपीता कच्चा हो या पका हुआ महिलाओं को रोज खाने की सलाह दी जाती है. इसमें मिनरल्स, कैल्शियम, फाइबर, फ्लेवोनॉइड और कैरोटेनॉयड होता है. यह कोलोन कैंसर से बचाता है. पर फिर भी प्रेग्नेंसी में इसे खाने से मना किया जाता है. क्योंकि प्रेग्नेंसी में पपीता खाने से मिसकैरिज यानी गर्भपात का खतरा रहता है.
दरअसल, पपीता उन महिलाओं को खाने की सलाह दी जाती है जिनका पीरियड्स समय पर नहीं होता. पपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराइन कॉनट्रैक्शन शुरू कर देता है. इसकी वजह से प्रेग्नेंसी में समय से पहले ही लेबर पेन शुरू हो सकता है और गर्भपात हो सकता है.
शराब : अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सट्रीसियन एंड गाइनेकोलोजिस्ट और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के शोधकर्ताओं के अनुसार शराब में ऐसा बहुत कुछ होता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है. यहां तक कि विशेषज्ञों का दावा है कि प्रेग्नेंसी के दौरान शराब की एक बूंद भी बच्चे को प्रभावित कर सकती है.
जरूरत से ज्यादा नमक: प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन ना करें. हालांकि सामान्य तौर पर भी डॉक्टर्स कम नमक खाने की सलाह देते हैं. इससे दिल की बीमारियों का खरा बढ़ जाता है. लेकिन प्रेग्नेंसी में न केवल ब्लड प्रेशर बढ़ता है, बल्कि चेहरा, हाथ, पैर आदि में सूजन आ सकता है.
चाइनीज फूड : इसमें एमएसजी होता है. यानी मोनो सोडियम गूलामेट, जो फीटस के विकास के लिए हानिकारक है और इसके चलते काई बार जन्म के बाद भी बच्चे में डिफेक्ट्स दिख सकते हैं. इसमें मौजूद सोया सॉस में नमक की भारी मात्रा होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है. प्रेग्नेंट वुमन के लिए बेहद खतरनाक है.
कच्चा अंडा : प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चा अंडा न खाने की सलाह दी जाती है. दरअसल, अंडे में सालमोनेला बैक्टीरियम होता है, जिसके कारण फूड प्वॉयजनिंग हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. इसलिए इस बैक्टीरिया के कारण वो फूड प्वॉयजनिंग की शिकार हो सकती हैं. यहां तक कि सालमोनेला बैक्टीरियम गर्भ में पल रहे बच्चे को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. गर्भवती महिला को इससे उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, सिर में दर्द, बुखार आदि हो सकता है.
अनानास : प्रेग्नेंसी में अनानास खाने को लेकर कई भ्रांतियां हैं. कुछ लोगों का मानना है कि प्रेग्नेंसी में अनानास नहीं खाना चाहिए इससे मिसकैरिज का खतरा रहता है. लेकिन ऐसा सभी केस में नहीं होता. यदि आपको अनानास से एलर्जी है या अनानास खाने के बाद आपकी सेहत सामान्य तौर पर भी खराब हो जाती है तो प्रेग्नेंसी में इसे बिल्कुल ना खाएं.
आर्टिफिशियल स्वीटनर: ये स्वीटनर पैकेट बंद होते हैं, इसलिए इन्हें खाने में वैसे तो कोई परेशानी नहीं है, पर अगर आपको phenylketonuria (PKU) नाम का जेनेटिक रोग है तो इसे नजरअंदाज करें.
फ्रोजेन फूड : पोषक तत्वों के मामले में फ्रोजेन फूड बिल्कुल ठीक नहीं होते. इसमें विटामिन सी, विटामिन बी1, बी2 और विटामिन ए नहीं होते. फलों और सब्जियों को ताजा खाया जाए तो ही अच्छा होता है. ये बात भी मायने रखती है कि फ्रोजेन फूड को किस तरह से रखा गया है. प्रेग्नेंसी में यह फूड प्वॉयजनिंग की वजह भी बन सकता है.
एलोवेरा : एलोवेरा में anthraquinones होता है. इसके कारण प्रेग्नेंसी में सेहत खराब हो सकती है और गर्भपात हो सकता है. हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान बाहरी त्वचा पर एलोवरा क्रीम लगाने से कोई नुकसान नहीं होता.