वैक्सीनोलॉजी की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने बताया कि उन्होंने ह्यूमन ट्रायल के पहले चरण में 18 से 55 साल की उम्र के 1,000 वॉलिन्टियर्स को शामिल किया था. इन सभी लोगों को दो समूहों में बांटने के बाद दो अलग-अलग वैक्सीन को टेस्ट किया गया. हालांकि, वॉलिन्टियर्स को इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी कि उन्हें कौन सी वैक्सीन दी गई है.