सेक्सुअल प्लेजर को बढ़ाने के लिए वियाग्रा का इस्तेमाल कर रहे लोगों के लिए एक बुरी खबर है. एक रिसर्च के मुताबिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दुरुस्त करने के लिए वियाग्रा का इस्तेमाल करने वाले लोग विजुअल साइडइफेक्ट (नजर दृष्टि दोष) के शिकार हो सकते हैं.
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शोधकर्ताओं का कहना है कि वियाग्रा का इस्तेमाल करने वालों को शुरुआत में हल्की डोज ही लेनी चाहिए. इसके बाद जरूरत के हिसाब से इसे धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए. वियाग्रा की हाई डोज लेने से इंसान की आंखें खराब हो सकती हैं.
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फ्रंटियर इन न्यूरोलॉजी में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार, वियाग्रा के कारण आंखों में होने वाली इस समस्या के बाद इंसान रंगों की सही पहचान नहीं कर पाता है. कुछ मामलों में पुरुष अंधेपन का शिकार भी हो सकते हैं.
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तुर्की में अडाना हॉस्पिटल के डॉक्टर कुनेयत कारास्लान के का कहना है कि जो लोग विशेषज्ञों की सलाह लिए बिना सेक्स एंग्जाइटी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार करने के लिए वियाग्रा का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इस तरह की दिक्कतें होती हैं.
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वियाग्रा ब्लड वेसेल्स को डाइलेट को मसल्स को बेहतर बनाने का काम करती है. इस दवा का असर शरीर में 3 से 5 घंटे तक ही रहता है.
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डॉक्टर कुनेयत कारास्लान ने बताया कि उन्होंने 17 पुरुष रोगियों में इस दवा का रिएक्शन देखा था. इन सभी लोगों में नजर दृष्टिदोष की शिकायत पाई गई थी.
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इन लोगों को न सिर्फ धुंधला नजर आ रहा था, बल्कि ये लाल और हरे रंग की भी ठीक से नहीं पहचान पा रहे थे. उन्होंने बताया कि ये सभी लोग वियाग्रा की 100 एमजी से ज्यादा डोज का सेवन कर रहे थे.
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डॉक्टर कुनेयत कारास्लान का कहना है कि 100 एमजी से ज्यादा वियाग्रा का इस्तेमाल आपकी आखों पर बुरा असर डालता है. साथ ही आपको घंटों तक सिरदर्द होने लगता है.
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वियाग्रा साल 1998 में पहली बार बाजार में उपलब्ध हुई थी. बाजार में इसके आते ही इस दवा की मांग लोगों में काफी तेजी से बढ़ने लगी. ये इतिहास की सबसे तेजी से बिकने वाली दवाओं में से एक थी.
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हालांकि इस दवा का इस्तेमाल शुरुआत में हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए इजाद किया गया था. लेकिन बाद में इसका इस्तेमाल सैक्सुअल प्लेजर को बढ़ाने के लिए होने लगा.