चिपको आंदोलन-
इस आंदोलन को ईको फेमिनिस्ट आंदोलन कहकर भी बुलाया जाता है. ऐसा इसलिेए
क्योंकि इसकी कार्यकर्ताएं अधिकांश महिलाएं ही थीं. बता दें, गौरा देवी
नाम की एक महिला के नेतृत्व में 26 मार्च 1974 को रेणी के वृक्ष काटने आए
लोगों को चमोली गांव की महिलाओं ने यह कहकर भगा दिया कि 'जंगल हमारा मायका
है, हम इसे कटने नहीं देंगे'.