सचिन और सारा के लिए धर्म कभी मसला नहीं रहा. सारा की मां एक ईसाई महिला हैं, सारा खुद मुस्लिम हैं और सचिन का परिवार हिंदू, लेकिन परिवार में मजहब को लेकर कोई समस्या नहीं हुई. सचिन-सारा की कहानी हर प्यार करने वाले के लिए एक उदाहरण है. जीवनसाथी बनने के लिए बस प्रेम होना चाहिए, धर्म और जाति की कोई भूमिका नहीं होती.