एक नये अध्ययन के अनुसार पुरुष 37 वर्ष की आयु में अपने जीवन के सबसे खुशी वाले दौर में होता है. इस समय वह अपने करियर में सफलता की सीढ़ी चढ़ना शुरू कर देता है और इसी समय उसके परिवार की शुरूआत या विस्तार हो रहा होता है.
ब्रिटेन के एक मैंसवियर ब्रांड द्वारा कराये गये अध्ययन के अनुसार 37 साल की आयु तक अधिकतर लोगों के प्रेम संबंध सुखद वैवाहिक में तब्दील हो चुके होते हैं तथा उन लोगों के मित्रों का एक छोटा सा दायरा बन चुका होता है जिसमें वे अक्सर घुलते मिलते हैं.
डेली मेल की खबर के अनुसार इस उम्र में पहुंचने पर ‘मध्य जीवन का संकट’ करीब एक दशक दूर होता है तथा किशोरावस्था की बुरी यादें लगभग पीछा छोड़ने लगती हैं. जैकेमो द्वारा कराये गये अध्ययन के अनुसार पिता बनना खासतौर पर बहुत ही संतोषजनक अनुभव होता है.
अध्ययन में पाया गया कि 43 प्रतिशत पुरुष सोचते हैं कि अभिभावक बनना उनके जीवन का सबसे सुखदायी दिनों में से एक है. सर्वेक्षण में 35 प्रतिशत लोगों ने विवाह को अपने जीवन के तीन सबसे सुखदायी क्षणों में शामिल किया है.
18 प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंदीदा फुटबाल टीम का लीग जीतने को अपना सुखदायी क्षण माना है. अन्य सुखदायी लम्हों में मकान खरीदना (17 प्रतिशत), कार खरीदना (7 प्रतिशत), मित्र को प्रेम निवेदन करना (13 प्रतिशत) तथा विश्वविद्यालय से स्नातक होना (9 प्रतिशत) शामिल है.