एक समय था जब सेक्स की चाह पति के लाए गजरे के जरिए बयां होती थी. अब गुंटूर में बातें सूक्ष्म संकेतों पर नहीं टिकी हैं. मशहूर मेडिकल कॉलेज के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोगों में यौन संबंधों की लालसा तेजी से बढ़ रही है.
गुंटूर में कई शैक्षणिक संस्थान हैं, जहां देश के कोने-कोने से छात्र भरे हुए हैं. सूत्र का कहना है, ‘‘पहले ज्यादातर छात्र हॉस्टल में रहते थे, आज वे अपार्टमेंट में रहना पसंद करते हैं क्योंकि विपरीत सेक्स के साथ मेलजोल बढ़ाना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है. ज्यादातर संस्थान शहर के बाहर हैं, जहां मोटे तौर पर एकांत बना रहता है. यही वजह है कि छात्र बेलगाम सब कुछ आजमाने के लिए स्वच्छंद होते हैं. चुंबन और देह स्पर्श आम है.’’
सूत्र बताती हैं कि ‘‘गुंटूर में मनोरंजन के नाम पर भी कुछ नहीं. यहां लड़के-लड़कियां बेहिसाब पॉर्न देखते हैं, या साथ घूम-फिरकर समय बिताते हैं जो उन्हें अंतत: चुंबन, शारीरिक स्पर्श, फोन पर रुमानी बातों या साइबर सेक्स की ओर खींच ले जाता है.’’
24 घंटे खुली लाइब्रेरी रात में साथ समय बिताने की सबसे पसंदीदा जगह है और अक्सर हॉस्टल के कमरों के बाहर इस्तेमाल किए गए कंडोम दिख जाते हैं.
गुंटूर से आइटी की पढ़ाई कर हैदराबाद में बसे 38 वर्षीय सुशील जैन कहते हैं, ‘‘गुंटूर के युवा अक्सर नजदीकी अमरावती और सूर्यलंका जाते रहते हैं, जिनमें सूर्यलंका में समुद्र-तट होने के कारण लगता है कि उसका माहौल मानो निजी पलों और दैहिक अंतरंगता जीने के लिए ही रचा गया है.’’
गुंटूर की एक गायनाकोलॉजिस्ट बताती हैं कि उन्हें हर महीने दसेक छात्राओं का गर्भपात करवाना पड़ता है. ऐसी लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही है जिन्हें पैसे के लिए शारीरिक संबंध बनाने से परहेज नहीं.