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बिस्‍तर पर कितने 'जोशीले' साबित होते हैं आप?

सेक्‍स संबंध को लेकर पुरुषों में कुछ शंकाएं बेहद आम पाई गई हैं. कई लोग अपनी 'पौरुष शक्ति' को लेकर बेवजह ही चिंतित रहते हैं, तो कुछ यह जानना चाहते हैं कि आखिर बिस्‍तर पर कितनी देर तक 'टिकना' उनके पुरुषत्‍व को साबित करने के लिए पर्याप्‍त है.

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Symbolic Image
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सेक्‍स संबंध को लेकर पुरुषों में कुछ शंकाएं बेहद आम पाई गई हैं. कई लोग अपनी 'पौरुष शक्ति' को लेकर बेवजह ही चिंतित रहते हैं, तो कुछ यह जानना चाहते हैं कि आखिर बिस्‍तर पर कितनी देर तक 'टिकना' उनके पुरुषत्‍व को साबित करने के लिए पर्याप्‍त है.

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जवाब एकदम सीधा-सा है. यह 'डिमांड' और 'सप्‍लाई' का मामला है. जितनी 'डिमांड' उतनी 'सप्‍लाई', तो मामला एकदम फिट. अगर 'मांग' ज्‍यादा और 'आपूर्ति' कम, तो फिर थोड़ा संभलने की जरूरत है.

इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है. मान लें, किसी की भूख 4 रोटियां खाकर शांत होती हो और कोई उसे 4-5 रोटियां परोसने में सक्षम हो, तो इसमें परेशानी की कोई बात नहीं हो सकती. इसके उलट, अगर कोई 7 रोटियां परोसने में सक्षम हो, लेकिन उसके सामने मांग 8 रोटियों की हो, तो मामला कुछ गड़बड़ हो सकता है.

यही बात कमोबेश सेक्‍स की भूख के लिए भी लागू होती है. जिस तरह हर शख्‍स की भूख अलग-अलग होती है, उसी तरह सेक्‍स के लिए उसकी 'तलब' का पैमाना भी एक-सा नहीं होता है. मतलब यह कि ये अलग-अलग जोड़ों पर निर्भर है कि उनके बीच प्‍यार का 'अर्थशास्‍त्र' कैसा है.

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कुल मिलाकर, यह अवधि (Duration) तय नहीं की जा सकती कि कामक्रीड़ा में कितनी देर तक टिकना 'परफेक्‍ट' है....क्‍योंकि ये अंदर की बात है.

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