रिश्तों को निभाना आसान काम नहीं है. अंजाने में ही कभी-कभी हम अपने साथी को ऐसी चोट पंहुचा देते हैं जो रिश्तों में दूरियों का कारण बनने लगती हैं. शायद इसीलिए कहा जाता है कि रिश्तों को संभालकर रखना किसी चुनौती से कम नहीं. आप भी चाहते होंगे कि आपके और आपके साथी के बीच सब कुछ अच्छी तरह चले और रिश्तों में कभी भी कोई दरार ना आए. ऐसा हो सकता है पर इसके लिए आपको भी कुछ बातें ध्यान में रखनी होंगी.
साथी की सराहना करें: आप जानते हैं कि आपके साथी आपसे बहुत प्यार करतें हैं और आपका बहुत खयाल भी रखते हैं. बेशक आप भी उन्हे चाहते हैं पर क्या आप उन छोटी–छोटी चीजों के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं जो वो आपके लिए सच्चे दिल से करते हैं. आप सोचेंगे कि अब हर बार भी क्या थैंक्स बोलना या फिर आप सोच सकते हैं कि अपनों को भी क्या थैंक्स कहना. पर यकीन मानिए इसका असर पड़ता है. ये छोटी- छोटी चीजें आपके रिश्ते को और मजबूत बनाएंगी.
अपने पार्टनर को टेस्ट ना करें: आपका पार्टनर आपको कितना चाहता है सिर्फ ये जानने के लिए उन्हें टेस्ट ना करें. प्यार को साबित करने के लिए कोई भी बात मनवाना गलत है. अगर आप दोनों को एक दूसरे से प्यार है तो चाहे कुछ भी हो वो आपकी परवाह करेंगे ही. उन्हें परखने के लिए बेवजह की मांग ना करें. आपके ज्यादा नखरे दिखाने से आपके साथी चिड़चिड़े भी हो सकते हैं.
अपनी भी गलती मानें: किसी भी गलती का पूरा दोष अपने साथी पर ना मढ़ें. अगर आपको लगता है कि थोड़ी सी ही सही पर आपकी भी गलती है, तो उसे स्वीकार करें. आप दोनों के मसले में सिर्फ साथी को कटघरे में खड़ा करना आसान काम है पर इससे उन्हे बहुत दुख पंहुचेगा. शायद इससे वो टूट भी सकते हैं. वहीं अगर आप भी अपनी गलती मानेंगे और प्यार से समझाएंगे तो उन्हे अच्छा लगेगा और वो खुद को अकेला नहीं महसूस करेंगे.
गिले शिकवे दूर करें: अगर आपको अपने पार्टनर की कोई बात बुरी लगती है तो चुप ना रहें. उस मामले में खुल कर बात करें. ज्यादातर लोग साथी को इस बात का एहसास भी नहीं होने देते हैं कि उन्हे उनकी बात बुरी लगी है. अकेले रहने के बजाए साथी से गिले-शिकवे दूर करें. साथी को नजरअंदाज कर आप उन्हें तो दुखी करते ही हैं, खुद को भी चोट पहुंचाते हैं.
जरूरत से ज्यादा उम्मीदें ना पालें: क्या आप अपने साथी से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें करते हैं? क्या आप ये भी चाहते हैं कि वो आपसे कम उम्मीदें रखे? आपका रिश्ता पति-पत्नी का हो या गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड का, आपको ये हक़ नहीं कि आप अपने साथी को कम एहमियत देकर ज्यादा की उम्मीद करें. इसलिए रिश्तों में इसका सामंजस्य बनाए रखें.
साथी की पसंद का भी रखें खयाल: कहीं आपको हर चीज अपने मन मुताबिक करने की आदत तो नहीं! अगर आप सिर्फ अपनी पसंद की फिल्में देख रहे हैं, सिर्फ अपनी पसंद की जगह पर घूमने या खाने जा रहे हैं तो थोड़ा संभल जाएं. हो सकता है आपके साथी शुरुआत में आपके साथ इन चीजों का लुत्फ उठाएं पर अगर आप चीजों को सिर्फ अपने तरीके से करते रहे तो धीरे-धीरे आपके पार्टनर चिड़चिड़े हो सकते हैं या फिर ऐसा भी हो सकता है कि वो आपसे दूरी बनाने लगें.
इन छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बिखरते रिश्ते को संभाल सकते हैं और हमेशा अपने साथी के करीब बने रह सकते हैं. अपने रिश्तों में नए रंग भरते रहें और इसे इतना स्वस्थ और मजबूत बनाएं ताकि ता-उम्र आप इसकी मिठास को महसूस कर सकें.