भारतीय महिलाओं के लिए सेक्स अब शादी के बाद सिर्फ एक ड्यूटी मात्र नहीं है. भारतीय महिलाएं मानने लगी हैं कि सेक्स निजी जीवन के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही उनके लिए भी जरूरी है. यही कारण है कि महिलाएं अब इस विषय को लेकर मुखर हो गई हैं. देश के किसी भी मशहूर सेक्सोलॉजिस्ट के पास आने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और उनका मानना है कि सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म व संतुष्टि पर उनका भी अधिकार है.
मुंबई में सेक्सोलॉजी पर आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान सेक्स एक्सपर्ट्स ने बताया कि महिलाएं अब अपनी जरूरतों को समझने लगी हैं और अक्सर अपनी और पति की सेक्स समस्याओं को लेकर डॉक्टरी परामर्श के लिए आती है. काउंसिल ऑफ सेक्स एजुकेशन एंड पैरेंटहुड इंटरनेशनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. इशिता कहती हैं, 'पहले महिलाएं सेक्स को शादी के बाद ड्यूटी मानती थी. लेकिन अब भारतीय महिलाएं सेक्स के प्रति अपनी जरूरतों को लेकर डिमांडिंग हो गई हैं. वह ऑर्गेज्म को अपना अधिकार मानने लगी हैं और यह व्यापक बदलाव है.'
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने हैदराबाद की सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. शर्मिला मजुमदार के हवाले से लिखा है, 'मुझे हर हफ्ते करीब 200 ईमेल आते हैं, जिनमें महिलाएं और कपल्स सेक्स लाइफ को लेकर मदद की अपेक्षा करती हैं. पहले महिलाएं सेक्स को लेकर ज्यादा बात नहीं करती थीं, लेकिन अब वे बोल्ड हो गई हैं. वे मानने लगी हैं कि सेक्स उनके बेडरूम तक सिमित नहीं है.'
मजुमदार बताती हैं कि महिलाएं आम तौर पर सेक्स के दौरान दर्द और ऐसी ही समस्या लेकर आती थीं, लेकिन अब वे सेक्स के दौरान उत्साह में वृद्धि को लेकर बात करती हैं. बेहतर सेक्स के लिए मेडिकल की मदद लेना चाहती हैं. नवी मुंबई में रहने वाले सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. जेके कहते हैं कि मीडिया ने महिलाओं और कपल्स को सेक्स के प्रति अवेयर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे हर महीने ऐसी महिलाओं के मिलते हैं जो सेक्स के प्रति बहुत खुलकर बात करती हैं और अपनी समस्याओं पर बात करती हैं.