पिछले कुछ सालों में महिलाओं की सोच में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया है. जहां पहले की महिलाएं शादी को जीवन का एक जरूरी हिस्सा समझती थीं. वहीं आज की महिलाएं अकेले रहने में यकीन रखती हैं. लेकिन क्या कभी आपने ये जानने की कोशिश की है आखिर महिलाओं में अकेले रहने का चलन इतना आम क्यों होता जा रहा है? आइए जानें इसके पीछे के कारण...
आजादी खोने का डर
हमारे समाज के ज्यादातर घरों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं पर ज्यादा प्रतिबंध लगाया जाता है और हर चीज पुरुषों के मुताबिक होती है. ऐसे माहौल में महिलाओं को अपनी आजादी खोने का डर रहता है. यही वजह है कि अब महिलाएं सिंगल रहने पर ज्यादा यकीन रखती हैं. क्योंकि समय बदल रहा है अब महिलाएं पुरुषों के पीछे नहीं बल्कि उनसे कदम से कदम मिलाकर चलना चाहती हैं.
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मिस्टर राइट की तलाश
जीवन में सफलता प्राप्त करने के बाद अपने मिस्टर राइट से महिलाओं की अपेक्षाएं कुछ ज्यादा ही रहती हैं. वो जल्दी किसी लड़के से संतुष्ट नहीं होती हैं. अपने लेवल का लड़का ना मिलने के कारण महिलाएं अकेले रहती हैं. हालांकि कुछ महिलाएं फैमिली के प्रेशर में आकर खुद से कम सफल लड़के से शादी कर लेती हैं.
दिल टूटने का डर
रिश्ता नया हो पुराना हर रिश्ते में वो समय जरूर आता है जब पार्टनर्स के बीच किसी ना किसी बात पर अनबन हो जाती है. धीरे-धीरे ये अनबन गंभीर लड़ाई का रूप ले लेती है. जिस कारण रिश्ते में दरार पड़ने लगती है और एक खूबसूरत रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है. रिश्ता टूटने के डर से कुछ महिलाएं सिंगल ही रहना पसंद करती हैं.
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पैरेंट्स की जिम्मेदारी
आज की महिलाएं शादी करने से ज्यादा अपने बूढ़े माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने को ज्यादा तवज्जो देती हैं. उम्र के इस पड़ाव पर माता-पिता को अकेले छोड़ने का डर उन्हें शादी का निर्णय लेने से रोकता है.