जिसका भी कभी ना कभी दिल टूटा है, वह इस पुरानी कहावत से जरूर इत्तेफाक रखेगा कि 'प्यार दर्द देता है.'
यहां तक कि आपके पहले प्यार ने आपका दिल ना भी तोड़ा हो तब भी रिश्ते के शुरुआती दौर में आप हर वक्त इस खयाल से परेशान रहते हैं कि 'क्या वो मुझे बाद में भी पसंद करेगा'.
अब एक नई रिसर्च ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है. रिसर्च में सामने आया है कि 'लव हॉर्मोन' (यह वही हार्मोन है जो आपके पार्टनर के लिए आपके मन में रोमांटिक फीलिंग पैदा करता है) डर और चिंता को भी बढ़ावा देता है.
ऑक्सीटोसिन यानी कि लव हार्मोन ही दूसरे के प्रति आपकी बॉन्डिंग और प्यार के लिए जिम्मेदार है. हालांकि नेचर न्यूरोसाइंस में छपी नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन की रिसर्च के मुताबिक यह हैप्पी हार्मोन हमारे ऐसे दर्द के लिए भी जिम्मेदार है जो लंबे समय तक हमारा पीछा नहीं छोड़ता.
रिसर्च के मुताबिक इस हार्मोन का काम दिमाग के एक विशेष हिस्से में सोशल मेमरी को बढ़ाना है, और अगर कोई अनुभव दर्द या तनाव देने वाला हो तो ऑक्सीटोसिन दिमाग के एक ऐसे हिस्से को सक्रिय कर देता है, जिससे आपकी याददाश्त में वो कड़ुवा अनुभव हमेशा ताजा रहता है.
इसका मतलब साफ है कि जो हार्मोन आपकी जिंदगी में प्यार की खुशियां लाता है वही दर्द भरे सामाजिक अनुभवों के लिए भी जिम्मेदार है, जिसकी यादें धुंधली नहीं पड़तीं. यही नहीं जब आप तनावपूर्ण हालात में होते हैं तो ऑक्सीटोसिन डर और घबराहट भी बढ़ा देता है.