आमतौर पर ऐसी मान्यता रही है कि सेक्स के दौरान महिलाओं को चरम सुख यानी ऑर्गेज्म तक पहुंचने में जी-स्पॉट मुख्य भूमिका निभाता है, लेकिन हाल ही में एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि ऑर्गेज्म के पीछे क्लिटॉरिस सबसे प्रमुख कारक है.
क्लिटॉरिस को 'फीमेल पेनिस' के नाम से भी जाना जाता है. इसका कारण यह है कि इसका निर्माण भी उन्हीं चीजों से होता है, जिससे पुरुषों के लिंग का. ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट डेली मेल के मुताबिक, अगर सेक्स के दौरान महिलाओं के क्लिटॉरिस में अच्छी तरह से उत्तेजना पैदा की जाए तो हर महिला ऑर्गेज्म को प्राप्त कर सकती है.
सेक्सोलॉजिस्ट विंसेंजो पुपो कहते हैं कि अगर पुरुष चरम सुख को प्राप्त कर ले तो इसका अर्थ यह नहीं होता है कि यह महिला के लिए भी सेक्स का अंत है. यानी कि अगर इसके बाद पुरुष अपनी पार्टनर को उत्तेजित करने वाली क्रियाओं को जारी रखता है तो यह महिला पार्टनर को भी ऑर्गेज्म सुख दे सकता है. इसमें किस करना और छूना शामिल है.
अमेरिका में इस ओर हुए रिसर्च के मुताबिक, अगर किसी महिला के साथ ऑर्गेज्म को लेकर समस्या है तो इसके पीछे क्लिटॉरिस का छोटा होना या वजाइना से क्लिटॉरिस की दूरी का ज्यादा होना कारण हो सकता है. वेबसाइट लिखता है कि पहले ऐसी मान्यता थी कि सेक्स के दौरान पुरुष के लिंग की लंबाई, जी स्पॉट और क्लिटॉरिस या वजाइनल ऑर्गेज्म तीनों अलग-अलग अवस्था होती है. लेकिन नए शोध के मुताबिक क्लिटॉरिस ही महिलाओं में ऑर्गेज्म के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है.