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एसएमएस के झगड़े आपके रिश्‍तों में डाल सकता है दरार

अगर आपका अपने ब्‍वॉयफ्रेंड से झगड़ा हो और आप गुस्‍से से एसएमएस करने जा रहे हों तो ऐसा बिल्‍कुल भी ना करें. हाल ही में रिलेशनशिप के एक सर्वे में सामने आया है कि एसएमएस के झगड़े आपके रिश्‍तों में दरार डाल सकता है.

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अगर आपका अपने ब्‍वॉयफ्रेंड से झगड़ा हो और आप गुस्‍से से एसएमएस करने जा रहे हों तो ऐसा बिल्‍कुल भी ना करें. हाल ही में रिलेशनशिप के एक सर्वे में सामने आया है कि एसएमएस के झगड़े आपके रिश्‍तों में दरार डाल सकता है.

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कई बार ऐसा होता है कि डिनर के लिए जाना हो और अचानक प्रोग्राम बदल जाए या फिर एक फोन करके आपका पार्टनर मिलने से इनकार कर दें. ऐसे में हम अक्‍सर एक एसएमएस करके इसका जवाब देते हैं और कई बार ये एसएमएस बढ़ते ही चले जाते हैं. अगर आप अपने रिश्‍ते को अच्‍छा बनाएं रखना चाहते हैं तो इस तरह के झगड़ों से बचें. किताब 'लिटिल व्‍हाइट वाईस' के लेखक और मनोचिकित्‍सक इश मेजर कहते हैं, 'लिखे हुए शब्‍द एक खालीपन के साथ आते हैं. आप ये भी नहीं देख पाते कि सामने वाला इंसान इस एसएमएस से कैसे रिएक्‍ट कर रहा है. जब तक आपको पता चल पाता है तब तक आपका मैसेज एक बड़े गुस्‍से में तब्‍दील हो जाता है.' इसका मतलब आप जिस भी किसी जगह घर, शॉपिंग, पार्टी, कहीं भी होते हैं ये मैसेज का सिलसिला चलता रहता है और ये मैसेज लंबे समय के लिए झगड़ों का कारण बन जाते हैं.

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एसएमएस के जरिये बातचीत करने से हमेशा बात बिगड़ती ही है. मनोवैज्ञानिक और लेखक जेवियर एमेडर कहते हैं, एसएमएस से सूचनाओं का आदान-प्रदान सही ढंग से नहीं हो पाता है जितना कि आमने-सामने बात करने से होता है. आप सामने वाले के चेहरे के हाव-भाव, आवाज और बॉडी लैंग्‍वेज नहीं देख पाते हैं.' इससे बातचीत ठीक से नहीं होती और बात बनने के बजाय बिगड़ जाती है. इससे अच्‍छा है आप अपने ब्‍वॉयफ्रेंड से जाकर मिले और बात करें. इससे आपको सही बात और परिस्थिति का पता चल पाएगा.

जेवियर एमेडर कहते हैं, जब आप एसएमएस करते हैं तो आप अपने दिमाग का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करते हैं, बातचीत करने में भावनाओं का ज्‍यादा इस्‍तेमाल होता है. एसएमएस की ये प्रक्रिया झगड़े को बढ़ाता है. सामने से आ रहे मैसेज को सिर्फ आंखें पढ़ती हैं लेकिन दिमाग इन मैसेज को पढ़कर किसी सही नतीजे तक नहीं पहुंच पाता है. फोन में रखे एसएमएस भविष्‍य में भी झगड़े करवाता है.

कई बार फोन से तो मैसेज डिलीट हो जाते हैं लेकिन मैसेज आपकी याददाश्‍त में रह जाते हैं. तो अगली बार से जब भी झगड़े वाली नौबत आए तो बातचीत से सुलझाना ज्‍यादा समझदारी है जिससे रिश्‍तों में खटास ना आ पाए.

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