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ताकि तकरार के बाद भी बरकरार रहे प्‍यार...

कहीं ऐसा तो नहीं कि‍ आपके और आपके साथी के बीच अक्‍सर लड़ाई होती रहती है? अगर हां, तो ये कोई घबराने वाली बात नहीं है. कहते हैं न कि प्‍यार में तकरार जरूरी होता है.

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कहीं ऐसा तो नहीं कि‍ आपके और आपके साथी के बीच अक्‍सर लड़ाई होती रहती है? अगर हां, तो ये कोई घबराने वाली बात नहीं है. कहते हैं न कि प्‍यार में तकरार जरूरी होता है.

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लड़ाई के दौरान अक्‍सर आपके दिमाग में यह बात भी गूंज ही जाती होगी कि कहीं ये लड़ाई आपके रिश्‍ते की गहराई को कम न कर दे. तो घबराएं नहीं, हर लड़ाई का अंजाम बुरा नहीं होता. लेकिन हां, अगर आप तकरार के बाद दरार छोड़कर आगे बढ़ते हैं, तो ये आप दोनों के रिश्‍ते के भविष्‍य के लिए अच्‍छा नहीं है. जरूरी है कि लड़ाई के बाद आगे बढ़ने से पहले पीछे के बुरे अनुभवों को मिटाकर ही चलें. ऐसा करने से आप दोनों के बीच हुआ विवाद, दर्द और दरारों की जगह रिश्‍ते को मजबूती देकर जाएगा.

गुस्‍से को काबू में रखें

भावुकता से काम लें और अपने गुस्‍से को काबु में रखने की कोशिश करें. यकीन मानिए, इस तरह के विवाद से आप दोनों को कुछ नया सीखने को मिलेगा. बेहतर बातचीत, रिश्‍ते और तकरार के कड़वे अनुभव से बचने के लिए कुछ उपायों को अपनाएं.

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अपने साथी को करें मेल
जब कभी आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहुत ज्‍यादा बहस हो जाए, तो उस विषय पर बातचीत के अलावा मेल भी करें. अपने साथी को एक ई-मेल में अपने मन की हर बात लिखकर दें. अगर आप मेल नहीं करतीं, तो आप चिट्ठी भी लिख सकती हैं. लेकिन हां, इसका एक बुरा असर भी है. {mospagebreak}अगर आपका साथी उस मेल या चिट्ठी को संभालकर रख लेगा, तो कभी भी उससे नकारात्‍मकता पैदा हो सकती है, इसलिए जब आपका काम हो जाए, तो कुछ समय के बाद उस चिट्ठी या मेल को जड़ से खत्‍म करवा दें.

पहचानें समस्‍या की जड़ को
आप दोनों के बीच कभी ऐसा भी हुआ है कि आप लड़ते-लड़ते असली मुद्दे को भूलकर किसी और ही बात पर बहस करने लगते हैं. तो मोहतरमा इसका मलतब है कि आप दोनों के बीच में ऐसी बहुत सी बातें हैं, जिनपर चर्चा करना बेहद जरूरी है. कभी भी बहस के दौरान असली मुद्दे से न भटकें. पुरानी बातों को बीच में लाने की बजाए उसी बारे में बात करें, जिसे लेकर उस वक्‍त आप दोनों की बहस शुरू हुई हो.

ताकि बनी रहे शांति
पुरुषों में महिलाओं की बातों को गंभीरता से लेना आदतन शुमार होता है, इसलिए अगर आप चाहती हैं कि वे तब तक कमरे में रहें, जब तक आपकी बात खत्‍म न हो, तो गुस्‍से में चकराने की बजाए शांत बनी रहें. इससे एक तो आप परेशानी को सुलझा पाएंगी और दूसरा गुस्‍से में अपने रिश्‍ते का भी नुकसान नहीं करेंगी.

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