उड़ान से डर
तंग, भीड़ भरी उड़ानों में लोगों में करीबी संपर्क या दूषित जगहों को छूने से कीटाणुओं और बीमारियों का प्रसार आसानी से हो सकता है. अमेरिका में हुए एक अध्ययन से हवाई जहाज, बाथरूम और ट्रे टेबल में नोरोवायरस से लेकर ई. कोलाइ जैसे जर्म्स पाए जाने की पुष्टि हुई है जिनसे उल्टी, दस्त, सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
पानी से बढ़े इम्युनिटी
अधिकतर कमर्शियल एयरलाइंस 30,000 से 35,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं. ऐसे में आपके शरीर से काफी नमी निकल सकती है. वातावरण के अलावा हवाई जहाज केबिन की रिसर्कुलेशन प्रणाली हवा को शुष्क बनाती है जिससे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली खतरे में पड़ जाती है. अगर आप पहले से ही एलर्जी या सर्दी से पीड़ित हैं तो समस्या बढ़ सकती है. इसलिए फ्लाइट पकड़ने से पहले और विमान के अंदर जितना ज्यादा पानी पी सकते हैं, पिएं और नाक के भीतर की नाजुक झिल्ली में नमी बनाए रखने के लिए अपने साथ सेलाइन स्प्रे लेकर जाएं.
दही जरूर खाएं
दही में लैक्टिक एसिड होता है जो अपने फायदेमंद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया की मदद से हमारे पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) प्रणाली को मजबूत बनाता है. कई अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में कम वसा वाला एक कप दही लेने से जुकाम होने की संभावना 25 फीसदी कम हो जाती है और इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है. इसलिए उड़ान भरने से कुछ दिन पहले से ही हर दिन दही जरूर खाएं. संभव हो तो विमान के अंदर भी दही खाएं या एयरपोर्ट के कॉफी शॉप से पारफेट (फ्रोजन डेजर्ट जिसमें दही होता है) खरीदें.
इंजेक्शन का एप्स
हीलिक्स ट्रैवल वैक्सिनेशन आइफोन और आइपैड की मुफ्त ऐप है जिससे आपको सुरक्षित यात्रा से जुड़ी अन्य सलाह के अलावा इस बात की भी जानकारी मिलती है कि किस देश में आपको कौन-सा टीका लगवाने की जरूरत है.
7 करोड़
यात्री भारत में हर साल घरेलू हवाई यात्रा का लुत्फ लेते हैं जबकि 3 करोड़ लोग देश से बाहर के लिए उड़ान भरते हैं.
स्त्रोतः विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन, जून 2012;
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए), 2012