विवाह करने की सही उम्र क्या हो, इसे लेकर बहस बहत पुरानी है. नए दौर में सरकार ने कानून बनाकर लड़कों और लड़कियों के लिए विवाह की उम्र तय कर दी है. इसके बावजूद हैरत की बात तो यह है कि आज भी देश के कई भागों में इस कानून की खुलेआम अनदेखी की जा रही है.
कई बार कम उम्र में विवाह में मामले में जागरुकता का अभाव पाया जाता है. कई बार उस समाज का पिछड़ापन व पुरानी सोच इसके लिए जिम्मेदार होता है. इस बारे में एक रिपोर्ट से चिंताजनक तस्वीर उभरकर सामने आई है.
उड़ीसा में 37 फीसदी से अधिक लड़कियों की शादी 18 साल से पहले तथा 13 फीसदी लड़कों की शादी 21 साल से पहले हो जाती है. राज्य में यूनीसेफ की प्रमुख शेरोस मावजी ने एक कार्यक्रम के दौरान यह खुलासा किया है.
उन्होंने बताया कि 15 से 19 वर्ष की 14 फीसदी से अधिक लड़कियां 2005-06 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के दौरान मां या गर्भवती पाई गईं. यह तस्वीर देश में विवाह संबंधी कानून की जमीनी स्थिति बताने के लिए काफी है. नजरिया बदले बिना आखिर कानून कितना कारगर हो पाएगा?