बच्चों का व्यवहार काफी हद तक उनके साथ अभिभावकों के रवैये पर निर्भर करता है. यहां तक कि बच्चों के युवा होने पर शराब पीना या नहीं पीना भी अभिभावकों के रवैये पर निर्भर करता है.
दिमाग को सुस्त बनाती है शराब
अब लंदन में हुए एक शोध के अनुसार, बच्चों के साथ अभिभावकों के बुरे बर्ताव से 16 साल की उम्र में उनमें शराब पीने की आशंका आठ गुना अधिक होती है, जबकि 34 साल की उम्र के बाद शराब पीने की आशंका दोगुनी बढ़ जाती है.
शोधकर्ताओं ने इसके लिए ब्रिटेन में पिछले 40 साल में पैदा हुए और अब युवा हो चुके 15,000 लोगों पर अध्ययन किया.
'द इंडिपेंडेंट' के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि बच्चों के साथ प्यार से पेश आना और साथ ही अनुशासन में भी रखना आगे चलकर उन्हें शराब से दूर रखने में काफी मददगार हो सकता है. लेकिन जो अभिभावक अपने बच्चों के लिए ऊंचे मानदंड रखते हैं और उन्हें कड़े अनुशासन में रखते हैं, आगे चलकर ऐसे बच्चों के शराब के आदी होने की आशंका अधिक होती है.
बच्चों के लिए वह स्थिति भी अच्छी नहीं होती, जिसमें अभिभावक उनसे भावनात्मक जुड़ाव तो रखते हैं, लेकिन उनके लिए कोई नियम तय नहीं करते. साथ ही बच्चों के साथ जुड़ाव न रखना भी ठीक नहीं है.
यह शोध ब्रिटेन के डेमोस नामक थिंक टैंक ने किया है. इसके शोधकर्ताओं ने अभिभावकों को बच्चों के साथ प्यारभरा सम्बंध विकसित करने और 15-16 साल की उम्र में उन पर नजर रखने की सलाह दी है. अभिभावकों से भी अपने लिए सीमा तय करने और बच्चों के सामने शराब नहीं पीने के लिए कहा गया है.