भले ही अल्पवयस्क जोड़ों के बीच यौन-संबंध बनाने की दर में कमी हुई हो या नहीं, पर इतना तो तय है कि इस मामले में इनके बीच जागरुकता बढ़ी है.
जहां तक भारत की बात है, लोग अब सुरक्षित यौन-संबंध के प्रति ज्यादा सतर्क हुए हैं. फिर भी कुछ क्षेत्रों में जागरुकता का अभाव नजर आता है.
एक सर्वे में यह पाया गया कि उड़ीसा में 37 फीसदी से अधिक लड़कियों की शादी 18 साल से पहले तथा 13 फीसदी लड़कों की शादी 21 साल से पहले हो जाती है. राज्य में यूनीसेफ की प्रमुख शेरोस मावजी ने एक कार्यक्रम के दौरान यह खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 15 से 19 वर्ष की 14 फीसदी से अधिक लड़कियां 2005-06 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के दौरान मां या गर्भवती पाई गईं.
अगर हम विकसित देश अमेरिका की बात करें, तो वहां की स्थिति कुछ अलग है. अमेरिका में वर्ष 2009 में किशोरियों द्वारा शिशु को जन्म देने की दर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी, लेकिन यह दर विकसित देशों के बीच सबसे ऊंची ही बनी रही.{mospagebreak}
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में वर्ष 2009 में 15 से 19 साल की 410,000 किशोरियों ने शिशुओं को जन्म दिया, यानी 1000 में 39 किशोरियों ने शिशु को जन्म दिया.
इस रिपोर्ट के अनुसार किशोरियों में जन्मदर 20 साल पहले की जन्म दर से 37 प्रतिशत घटी है. बीस साल पहले यह 1000 किशोरियों में जन्म देने वाली किशोरियों की संख्या 61.8 थी.
नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टेटिस्टिक्स की ओर से फरवरी के प्रारंभ में जारी एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक भी किशोरियों के बच्चे जन्म देने की दर बहुत घटी है. सीडीसी के अध्ययन के मुताबिक अमेरिका में किशोरियों के जन्म देने की दर में गिरावट यह प्रदर्शित करता है कि अमेरिका में यौनाचार में सक्रिय किशोर-किशोरियों का प्रतिशत कम हुआ है.