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सकारात्‍मक सोच अपनाइए, लंबी उम्र पाइए

अगर आप ज्यादा जीना चाहते हैं, तो सकारात्‍मक सोच अपनाइए और अपनी जिंदगी में मौजूद अच्छी चीजों की ओर ध्यान दीजिए.

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सकारात्‍मक सोच अपनाइए...
सकारात्‍मक सोच अपनाइए...

अगर आप ज्यादा जीना चाहते हैं, तो सकारात्‍मक सोच अपनाइए और अपनी जिंदगी में मौजूद अच्छी चीजों की ओर ध्यान दीजिए.

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वैज्ञानिकों का कहना है कि जब लोग एक विशेष उम्र में पहुंच जाते हैं तो उनमें ‘जीने की इच्छा’ उनकी उम्र को तय करने में काफी अहम भूमिका निभाती है, चाहे वे जीवन को प्रभावित करने वाली बीमारियों से ही क्यों ना जूझ रहे हों. जीने की यह इच्छा पुरुष और स्त्री दोनों के लिए फायदेमंद है.

विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादा लंबा जीवन जीने का मंत्र है कि आप अच्छा नजरिया रखें और जीवन के प्रति संतोष और सकारात्मकता का भाव अपनाएं.

हेलसिंकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 75 से 90 साल की उम्र के बीच के 400 ऐसे लोगों पर अध्ययन किया जो शहर में अकेले रहते हैं. वे इन लोगों में जीने की इच्छा को परिभाषित करना चाहते थे.

अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता हेलेना करपिनेन ने डेली एक्सप्रेस को बताया, ‘हमारा अध्ययन यह दर्शाता है कि जो ज्यादा जीना चाहता है वह ज्यादा जी पाता है.’

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