क्या सोते समय आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है? अगर ऐसा है, तो सावधान हो जाइये, यह आपके अवसादग्रस्त होने का जोखिम बढ़ा सकता है.
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) में अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह पता लगाया. साथ ही पाया कि महिलाओं में नींद के दौरान सांस लेने की समस्या पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती है.
लाइवसाइंस ने सीडीसी में शोधकर्ता एन्नी व्हीटन के हवाले से कहा, ‘नींद के दौरान सांस का रुकना हल्की सांस अथवा खर्राटे भरना, ये सभी लक्षण नाउम्मीद और विफलता की भावना जैसे अवसाद से जुड़े हैं.’
जर्नल स्लीप में छपे अध्ययन के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं पोषण जांच सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 9714 प्रौढ़ महिला-पुरुषों पर शोध के बाद यह नतीजा निकाला. अध्ययन में उम्र लिंग और वजन को भी ध्यान में रखा गया.
इसमें पाया गया कि ‘स्लीप एपनेआ’ कही जाने वाली नींद के दौरान की इस समस्या से महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अवसादग्रस्त होने का जोखिम अधिक होता है.
इससे पहले के अध्ययन में सांस की समस्या का बाद की उम्र में अवसाद से संबंध पाया गया जबकि एक अध्ययन में पाया गया कि स्लीप एपनेआ का इलाज करने वालों में अवसाद की बीमारी में सुधार देखा गया.
अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘मानसिक स्वास्थ्य के चिकित्सक अक्सर नींद न आने और नींद के बाद चुस्त महसूस नहीं करने जैसी समस्याओं के बारे में पूछते हैं, लेकिन वे महसूस नहीं करते कि इसका (नींद के दौरान सांस लेने में समस्या) असर मरीज के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.’