सेहत के लिए पानी पीना अच्छी आदत है और अब पानी की विशेषताओं में एक और खूबी जुड़ गयी है. एक नये अध्ययन में कहा गया है कि जब आप अपने आपे से बाहर हों, तो पानी आपको शांति दे सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि शरीर में पानी की थोड़ी भी कमी होने से मिजाज पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है और महिलाओं में यह बात खासतौर पर देखी जा सकती है.
डेली मेल की खबर के मुताबिक अध्ययन कहता है कि पानी से किसी का मिजाज, ऊर्जा का स्तर और सही तरीके से सोचने की क्षमता बदल सकती है.
अनुसंधानकर्ता हरीस लीबरमैन ने कहा, ‘यहां तक कि मामूली जल की कमी यानी हमारी सामान्य रोजमर्रा की गतिविधियों में शरीर में सामान्य पानी के आयतन में 1.5 प्रतिशत तक कमी से हमारे मिजाज पर असर पड़ सकता है. खासतौर पर महिलाओं के साथ ऐसा होता है जो निर्जलीकरण के स्तर के प्रतिकूल प्रभावों के लिहाज से अधिक संवेदनशील होती हैं.’
अनुसंधानकर्ता परीक्षण के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे. परिणाम बताते हैं कि इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी व्यक्ति ने ट्रेडमिल पर 40 मिनट की वाक की है या आराम से बैठा है. अगर वह थोड़ा भी प्यासा है, तो प्रतिकूल प्रभाव दोनों ही स्थिति में समान होते हैं.
मुख्य अनुसंधानकर्ता लारेंस आर्मस्ट्रांग ने कहा, ‘हमें पानी की जरूरत तब तक नहीं महसूस होती, जब तक कि शरीर में पानी की कमी एक या दो प्रतिशत नहीं हो. जब तक निर्जलीकरण की स्थिति संभलती है, तब तक हमारे दिमाग और शरीर पर असर पड़ना शुरू हो जाता है.’