अभी तक अलसी को महिलाओं में रजोनिवृत्ति प्रक्रिया शुरू होने के समय पसीना आने या धड़कन तेज होने जैसे लक्षणों को कम करने में प्रभावी माना जाता था, लेकिन भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने अपने एक ताजा अध्ययन के बाद दावा किया है कि इसके सेवन से ऐसे लक्षणों या ब्रेस्ट कैंसर में कोई लाभ नहीं होता.
वर्ष 2007 में मेयो क्लीनिक अनुसंधान में यह बात सामने आयी थी कि प्रतिदिन 40 ग्राम पिसी हुई अलसी खाने से महिलाओं में रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. जिन महिलाओं में रजोनिवृत्ति की प्रक्रिया शुरू होती है, उन्हें अत्यधिक गर्मी महसूस होने के साथ ही पसीने आते हैं और दिल की धड़कन भी तेज हो जाती है. ऐसी महिलाओं में हर बार यह लक्षण दो से तीस मिनट तक रह सकते हैं.
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल आनकोलॉजी की गत रविवार को आयोजित बैठक में शामिल शोधार्थियों ने कहा कि रजोनिवृत्ति शुरू होने की प्रक्रिया से गुजर रही महिलाओं के अलसी का सेवन करना बीमारी में प्रार्थना करने जैसा ही है और यह रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में अब प्रभावी नहीं है.