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आखिर क्‍यों होता है महिलाओं को बिस्‍तर पर दर्द

कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी पत्‍नी बिस्‍तर पर आने से कतराती हैं, कभी सिर दर्द तो कभी थके होने के बहाने उनके पास हमेशा तैयार रहते हैं. तो इसे बहाने का नाम देकर उनसे मुंह न मोड़े और न ही उन्‍हें ठंडे होने का दोष दें.

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कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी पत्‍नी बिस्‍तर पर आने से कतराती हैं, कभी सिर दर्द तो कभी थके होने के बहाने उनके पास हमेशा तैयार रहते हैं. इसी वजह से आप दोनों के बीच दूरियां भी बढ़ रहीं हैं. और जब कभी आपने प्‍यार से उनसे इसका कारण पूछा है, तो वह न कहने की वजह हमेशा दर्द को बताती हैं.

तो इसे बहाने का नाम देकर उनसे मुंह न मोड़े और न ही उन्‍हें ठंडे होने का दोष दें. क्‍योंकि ये हालात ज्‍यादतर महिलाओं के साथ एक से होते हैं.

दरअसल, महिलाएं बिस्‍तर के उन रंगीन पलों का आनंद उठाने से इसलिए भी कतराती हैं, क्‍योंकि विवाह से पहले या उन पलों के बारे में महिलाओं में शुरू से ही दर्द का डर बैठा दिया जाता है.

हाल ही में हुए एक अध्‍ययन से यह बात सामने आई है कि बिस्‍तर पर प्‍यार के पलों में होने वाले दर्द के पीछे शारीरिक और मानसिक दोनों ही कारण होते हैं.

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हाल ही में इंडियाना युनिवर्सिटी ने एक अध्‍ययन किया और पाया कि 30 फीसदी महिलाओं को बिस्‍तर पर दर्द की समस्‍या का सामना करना पड़ता है, जबकि पुरुषों में ये महज 5 फीसदी ही होती है. इस अध्‍ययन में 18 से 59 साल के जोड़ों को शामिल किया गया था.

अध्‍ययन से एक और बात समाने आई वह ये कि ज्‍यादातर महिलाओं को बिस्‍तर पर बिताए जाने वाले पलों में दर्द का अनुभव उनकी अपनी सोच के चलते होता है. ज्‍यादातर लोगों का मानना यही होता है कि बिस्‍तर पर महिलाओं को पुरुषों के बजाय ज्‍यादा दर्द को सहना पड़ता है और उनकी यही सोच महिलाओं को बिस्‍तर पर कमजोर बना देती हैं.

इसलिए अगली बार अपनी मोहतरमा के साथ बिस्‍तर पर रंगीन पल बिताने से पहले उन्‍हें मानसिक रूप से इसके लिए तैयार करना न भूलें.

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