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शारीरिक रूप से मजबूत होती हैं महिलाएं...

अभी तक यह माना जाता रहा है कि महिलाएं शारीरिक रूप से नाजुक होती हैं लेकिन हाल के एक शोध के बाद ऐसा लगता है कि वे पुरुषों के मुकाबले अधिक ताकतवर होती हैं.

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अभी तक यह माना जाता रहा है कि महिलाएं शारीरिक रूप से नाजुक होती हैं लेकिन हाल के एक शोध के बाद ऐसा लगता है कि वे पुरुषों के मुकाबले अधिक ताकतवर होती हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें इस बात के प्रमाण मिले हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक समय तक जीवित रहती हैं क्योंकि उनके शरीर की कोशिकाएं अधिक कुशलता से अपनी मरम्मत कर लेती हैं.

पत्रिका ‘साइंटिफिक अमेरिकन’ नामक पत्रिका के आने वाले अंक में न्यूकैसल विश्वविद्यालय के टाम किर्कवुड के नेतृत्व वाले दल के द्वारा किये गए शोध के मुताबिक स्वस्थ बच्चों को जन्म देने के वास्ते महिलाओं के शरीर की कोशिकाएं अधिक कुशलता से अपनी मरम्मत कर लेती हैं.

किर्कवुड ने कहा कि प्रकृति ने पुरुषों को जैविक रूप से इस तरह का बनाया कि उनकी मौत जल्दी हो जाती है. उन्होंने कहा, ‘अब यह सिद्धांत सर्वमान्य हो रहा है कि बुढ़ापा समय से निर्धारित नहीं होता.’

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किर्कवुड ने कहा कि वास्तव में बुढ़ापा ऐसी कोशिकाओं के स्तर से निर्धारित होता है जो स्वयं मरम्मत कर लेती हैं. इस तरह की अधिकतर क्षति पूर्व निश्चित होती है. वास्तव में यह कोशिकाओं में उर्जा उत्पादन के वास्ते होने वाले रसायन क्रिया से निकलने वाले उपोत्पाद से निर्धारित होती है.{mospagebreak}

ब्रिटेन में पिछले 27 वर्षों के मुकाबले महिलाओं और पुरुषों के अनुमानित जीवन में अंतर छह वर्ष से घटकर 4.2 वर्ष हो गया है. अभी जन्म लेने वाली लड़की के अनुमानित 81.9 वर्ष तक जीवित रहने की संभावना की तुलना में एक लड़का औसतन 77.7 वर्ष तक ही जीवित रहता है.

अभी तक यह माना जाता रहा है कि महिला और पुरुषों के जीवन में यह अंतर पुरुषों में हृदय रोग होने के खतरे तथा अधिक जोखिमों के कारण होता है. वहीं महिलाओं में पाया जाने वाला हार्मोन एस्ट्रोजन उनकी हृदय रोगों से बचाता है. इस तथ्य के बावजूद किर्कवुड का सिद्धांत में इसमें फिट बैठता है.

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