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ग्रीन कंडोम बनाने के लिए भारतीय को मिले 100,000 डॉलर

पॉलीमर पर रिसर्च करने वाले भारतीय रिसर्चर लक्ष्मीनारायण रघुपति को पर्यावरण फ्रेंडली कंडोम बनाने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से 100,000 डॉलर का अनुदान मिला है.

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भारतीय शोधकर्ता लक्ष्मीनारायण रघुपति
भारतीय शोधकर्ता लक्ष्मीनारायण रघुपति

पॉलीमर पर रिसर्च करने वाले भारतीय रिसर्चर लक्ष्मीनारायण रघुपति को पर्यावरण फ्रेंडली कंडोम बनाने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से 100,000 डॉलर का अनुदान मिला है.

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अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता ग्रैंड चैलेंज एक्सप्लोरेशन में हिस्सा लेकर रघुपति ने यह अनुदान जीता. ग्रैंड चैलेंज एक्सप्लोरेशन ने प्रतिभागियों से कंडोम बनाने के लिए नए आइडियाज देने को कहा था.

हजारों प्रतिभागियों को पीछे छोड़ रघुपति ने फाइनल लिस्ट में जगह बनाई. इस लिस्ट में 11 लोगों के नाम फाइनल किए गए थे. शॉर्टलिस्ट किए गए हर प्रतिभागी को 'पतला और प्राकृतिक तरीके से सड़ने लायक कंडोम' बनाने के लिए फाउंडेशन की ओर से 100,000 डॉलर मिले.

इंडिया टुडे से बातचीत में रघुपति ने कहा, 'पिछले 45 सालों में कंडोम के अनुसंधान में बहुत थोड़ा बदलाव आया है. शुरुआत में मैं पॉलिस्टर पर रिसर्च करता था, लेकिन फिर गर्भनिरोधक पर काम करने लगा. तमिलनाडु के अरूपुकोट्टाई के रहने वाले लक्ष्मीनारायण रघुपति एचएलएल लाइफकेयर की रिसर्च विंग में काम करते हैं.

इससे पहले रघुपति इसी फाउंडेशन की एक टीम का हिस्सा थे जो ग्रैफीन का उपयोग कर कंडोम बनाती थी. ग्रैफीन बेहद पतला और गर्मी का संवहन करने वाला होता है. इस वजह से पुरुषों को प्लेजर में ज्यादा आनंद आता है. ग्रैफीन से बनने वाले कंडोम को पुरुषों ने हाथों हाथ लिया.

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रघुपति ने कहा कि फाउंडेशन से मिलने वाली मदद मेरी आंखें खोलने वाली थी. ग्रैंड चैलेंजेज एक्सप्लोरेशन की ओर से चुने गए 50 आइडिया में रघुपति का ग्रीन कंडोम आइडिया भी एक है. स्वास्थ्य समस्याओं का हल ढूंढ़ने के लिए फाउंडेशन भारत में भी बड़े पैमाने पर सक्रिय है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2007 से 2013 के बीच कंडोम की बिक्री में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है.

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