अस्थमा के रोगी को स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत ज्यादा तंग करता है और गंभीर बीमारी का रूप धारण कर सकता है. यह वायरस अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति की हालत अत्यधिक गंभीर बना देता है.
• यदि आप अस्थमा के रोगी हैं तो आप स्वाइन फ्लू से बचने के लिए क्या करें:
• सबसे पहले तो आप चिकित्सकीय परामर्श लें और स्वाइन फ्लू (एच-1 एन-1) का टीका लगा लें. यह टीका 6 महीने से लेकर 64 साल की उम्र तक के लोगों को लगाया जाता है.
• बच्चों को 6 महीने की उम्र में सामान्य फ्लू का टीका लगाना ला भूलें.
• आपको उपचार के लिए टेमीफ्लू या रेलेंजा जैसी एंटीवायरस दवाईयां 10 दिनों तक लेनी पड़ सकती है. लेकिन इसको लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें.
इसके अलावा भी आप निम्नलिखित कदम उठा कर स्वाइन फ्लू को आप तक पहुंचने से दूर रख सकते हैं:
• आपको अपने हाथों को बार बार साबुन से (लगभग 20 सेकेंड) धोएं. यह कई तरह के संक्रमण से बचने का बेहतरीन तरीका है. इसके अलावा आप हैंड सेनिटाइजर का भी उपयोग कर सकते हैं.
• खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए रूमाल या टिश्यू पेपर का उपयोग करें. इस्तेमाल के तुरंत बाद टिश्यू पेपर को कचरे के डिब्बे में फेंक दें.
• किसी भी प्रकार के संक्रमण (फ्लू) के रोगी से 6 फीट की दूरी बना कर रखें.
• कंप्यूटर के कीबोर्ड, रिमोट कंट्रोल, दरवाजों के हैंडल जैसी आम उपयोग की चीजों के बाहरी भाग की नियमित सफाई करें.
• अपने घर के सभी सदस्यों को इस रोग से बचने की जानकारी दें और रोजमर्रा के जीवन में सफाई का बहुत ख्याल रखें.
• यदि आपको बुखार होता है तो यह जांचें कि कहीं आपको स्वाइन के लक्षण तो नहीं हैं. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखायें.
• अगर आपको स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं तो इसे घर के बाकी सदस्यों तक पहुंचने से रोकने के लिए बुखार के ठीक होने के बाद भी 24 घंटे के लिए घर पर ही रहें.
• स्वाइन फ्लू के रोगी की देखभाल करने के लिए उसे अलग कमरे में शिफ्ट कर दें.
• यदि संभव हो तो परिवार के बाहर के व्यक्ति को स्वाइन फ्लू के रोगी की देखभाल के लिए रखें.