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प्रदूषण भी है क्राइम बढ़ने की वजह, बदल जाता है लोगों का व्यवहार

एक स्टडी में हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोग ज्यादा क्राइम करने लगते हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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वायु प्रदूषण दुनियाभर के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है. वायु प्रदूषण को सेहत के लिए घातक माना जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, हर साल वायु प्रदूषण की वजह से दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत होती है. लेकिन एक नई स्टडी में हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. स्टडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोग ज्यादा क्राइम करने लगते हैं.

वैज्ञानिकों का दावा है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों के अंदर बहुत ज्यादा बैचेनी पैदा होने लगती है, जिससे उनके व्यवहार में बदलाव आ जाते हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन जगहों में ज्यादा वायु प्रदूषण होता है, उन जगहों पर क्राइम रेट भी बढ़ता है.

न्यू यॉर्क के कोलंबिया बिजनेस स्कूल में शोधकर्ताओं ने स्टडी के माध्यम से वायु प्रदूषण और क्राइम के बीच के संबंध के बारे में जानने की कोशिश की. नतीजों में सामने आया कि जिन जगहों पर वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है, वहां का क्राइम रेट भी तेजी से बढ़ने लगता है.

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स्टडी के मुख्य लेखक, डॉ. जैक्सन लु ने बताया, 'स्टडी के आधार पर कहा जा सकता है कि हवा में मौजूद प्रदूषित तत्व सेहत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों के व्यवहार को भी प्रभावित करते हैं.'    

उन्होंने आगे बताया, 'वायु प्रदूषण दुनियाभर के लोगों के लिए एक गंभीर समस्या है, जो दुनियाभर के करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है. स्टडी के पहले चरण में शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु प्रदूषण और लोगों के आक्रामक व्यवहार में गहरा संबंध है'.

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