आधुनिक जीवन में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. प्रदूषित हवा में सांस लेने से कई लोगों की सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच रहा है. हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने एक लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण और बदलता मौसम 2019 में टॉप 10 वैश्विक खतरों में से एक हैं. इस लिस्ट में यह भी बताया गया कि वायु प्रदूषण से सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचेंगा.
वायु में मौजूद माइक्रोस्कोपिक प्रदूषित तत्व सांस के जरिए शरीर में पहुंचकर फेफड़ों, दिल, दिमाग को डैमेज कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति वर्ष 7 मिलियन लोगों की मौत कैंसर, स्ट्रोक, दिल और फेफड़ों की बीमारी के कारण समय से पहले ही हो रही है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, इनमें से 90 फीसदी मौतें कम और मध्य आय वाले देशों में होती हैं, जहां इंडस्ट्री, गाड़ियों, खेती और घरों से निकलने वाली गैसें शामिल हैं.
इस रिपोर्ट में वायु प्रदूषण का एक करण फ्यूल है. फ्यूल के जलने पर कई लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचता है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 और 2050 में पर्यावरण में हो रहे बदलाव के चलते समय से पहले मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. इस साल सितंबर के महीने में यूनाइटेड नेशन क्लाइमेट समिट होगी. इस समिट में पर्यावरण और प्रदूषण को कम करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी.