भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधार्थियों का कहना है कि मिर्च के तीखापन कैंसर से बचाव के लिए कारगर साबित हो सकता है. मिर्च के तीखेपन के लिए जिम्मेदार यौगिक प्रॉस्टेट ग्रंथि में कैंसर की कोशिकाओं को मारने वाला साबित हो सकता है.
शोध करने वालों ने अपने अध्ययन में पाया कि मिर्च के यौगिक कैप्सकिन की मदद से एक दिन ऐसा इंजेक्शन या दवा की गोली बनायी जा सकेगी जो कैंसर से बचाने वाली साबित होगी.
शोध करने वाले अशोक कुमार मिश्रा और जितेंद्रिया स्वैन ने पाया कि इस यौगिक की उच्च मात्रा कोशिकीय झिल्ली को तोड़ने वाली साबित हो सकती है और यहीं से कैंसर के उपचार का रास्ता निकल सकता है.
करीब 10 साल पहले हुए एक शोध में पाया गया था कि कैप्सकिन चूहों में प्रॉस्टेट कैंसर सेल को मारने में कारगर है जबकि अन्य स्वस्थ कोशिकाएं इससे अछूती रहीं.
हालांकि इसे मनुष्यों में लागू करने पर यह पता चला कि सकारात्मक परिणाम के लिए लोगों को प्रतिदिन काली मिर्च की एक अच्छी मात्रा का सेवन करना होगा.
इसके बाद शोध करने वालों ने कैप्सकिन पर अपना और ध्यान केंद्रित किया ताकि भविष्य की नई दवाओं पर इसके असर को समझा जा सके.
यह अध्ययन फिजिकल केमिस्ट्री बी जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
इनपुट: IANS